नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के अब तक 358 मामले सामने आए हैं। इनमें से 183 का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि 87 का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका था तथा तीन को बूस्टर खुराक लगी थी। इसके अलावा, 121 लोगों ने विदेश यात्रा की थी। सरकार ने शुक्रवार को यह कहा।
केंद्रीय गृह सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दो लोगों का आंशिक टीकाकरण हुआ था, सात लोगों को टीका नहीं लगा था जबकि 16 लोग देश के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में टीके की खुराक लेने के लिए पात्र नहीं थे। वहीं, 73 लोगों के टीकाकरण की स्थिति के बारे में अब तक पता नहीं चला है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक विश्लेषण किये गये ओमीक्रोन के 183 मामलों में, 91 प्रतिशत (87 मामले) पूरी तरह से टीकाकरण कर चुके लोगों के, जबकि तीन मामले-दिल्ली में दो और मुंबई में एक- बूस्टर खुराक ले चुके लोगों के हैं। वहीं, 70 प्रतिशत मामले बगैर लक्षण वाले और 61 प्रतिशत पुरूषों के हैं।’’
भूषण ने कहा कि 121 लोगों ने विदेश यात्रा की थी, जबकि संक्रमित हुए 44 लोग विदेशी यात्रियों के संपर्क में आए थे और 18 के बारे में सूचना अब भी अनुपलब्ध है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा, ‘‘भारत में अब भी डेल्टा स्वरूप प्रबल बना हुआ है, जिसमें हाल में पता चले क्लस्टर भी शामिल हैं। इसलिए, हमें कोविड से जुड़े व्यवहार की मौजूदा रणनीति का अनुसरण करने और टीकाकरण बढ़ाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण से अनिवार्य रूप से गंभीर रोग नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में, अब तक पता चले सभी मामलों में एक तिहाई हल्के लक्षणों वाले हैं और शेष बगैर लक्षण वाले हैं।
भार्गव ने कहा, ‘‘इसलिए, मैं इसबात पर जोर देना चाहता हूं कि ओमीक्रोन संक्रमित लक्षण वाले मरीजों का इलाज पहले जैसा रहेगा। यह डेल्टा, अल्फा या बीटा स्वरूप से अलग नहीं है।’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के 122 नए मामले सामने आने के बाद, देश में इस स्वरूप के मामले बढ़कर 358 हो गए। इनमें से 114 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं। ये मामले 17 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में सामने आए।
मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि महाराष्ट्र में ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के सबसे अधिक 88 मामले, दिल्ली में 67, तेलंगाना में 38, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31 और गुजरात में 30 मामले सामने आए।