नई दिल्ली। केंद्र ने कहा कि मंगलवार दोपहर तक निर्धारित राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय भंडारण केंद्र तक कोविड-19 टीके की 54.72 लाख खुराक पहुंचा दी गयी है तथा 14 जनवरी तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 1.1 करोड़ और भारत बायोटेक से 55 लाख खुराक मिल जाएगी।
कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के तहत 16 जनवरी से शुरू हो रहे टीकाकरण अभियान से चार दिन पहले मंगलवार सुबह ‘कोविशील्ड’ टीकों की खुराक पुणे से देश के 13 शहरों में भेजने की शुरुआत की गयी।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोविशील्ड की 1.1 करोड़ खुराक के अलावा भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 55 लाख खुराक खरीदी जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 55 लाख खुराक खरीदी जा रही है। कोवैक्सीन की 38.5 लाख खुराक में से प्रत्येक पर 295 रुपये (कर को छोड़कर) की लागत आएगी। भारत बायोटेक 16.5 लाख खुराक निशुल्क मुहैया करा रही है, जिससे इसकी लागत प्रत्येक खुराक पर 206 रुपये आएगी।’’
भूषण ने कहा कि चेन्नई, करनाल, कोलकाता और मुंबई में केंद्र सरकार के चार मेडिकल स्टोर डिपो हैं, जहां पर ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड की खुराक पहुंच चुकी है। इसके अलावा सभी राज्यों में कम से कम एक क्षेत्रीय टीका भंडारण केंद्र हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ बड़े राज्यों में कई स्टोर हैं। उत्तरप्रदेश में इस तरह के नौ स्टोर हैं, मध्यप्रदेश और गुजरात में चार-चार स्टोर हैं। केरल में तीन भंडारण केंद्र हैं, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक और राजस्थान में दो-दो स्टोर हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘‘शाम चार बजे तक टीका भंडारण केंद्रों तक 54,72,000 खुराक पहुंचायी जा चुकी है जबकि 100 प्रतिशत खुराक, सीरम से 1.1 करोड और भारत बायोटेक से 55 लाख खुराक 14 जनवरी तक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मिल जाएगी। ’’
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन का हजारों लोगों पर परीक्षण हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘ये टीके सुरक्षित हैं और इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं देखने को मिला है।’’
भूषण ने कहा कि जायडस कैडिला, रूस के स्पूतनिक वी, बायोलोजिकल ई और जीनोवा के टीके भी भारत में परीक्षण के अग्रिम चरण में है।
उन्होंने कहा, ‘‘आगामी दिनों में इनमें से कुछ टीका निर्माता आपात स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति के लिए औषधि नियामक के पास आवेदन कर सकते हैं। क्रमिक तरीके से इन टीकों को पेश किया जाएगा।’’
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘‘स्वास्थ्यकर्मी प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर होंगे। इसके बाद अग्रिम कर्मियों और प्राथमिकता वाले उम्र समूहों का टीकाकरण होगा। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम कर्मियों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। ’’
दुनिया में उपलब्ध टीकों की कीमतों के बारे में भूषण ने कहा कि फाइजर-बायोएनटेक के टीके की लागत प्रति खुराक 1431 रुपये आती है। मॉडर्ना के टीके की खुराक की कीमत 2348 रुपये से लेकर 2715 रुपये तक, नोवावैक्स के टीके 1114 रुपये, स्पूतनिक वी के टीके 734 रुपये और जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा निर्मित टीके की कीमत 734 रुपये है।
उन्होंने कहा, ‘‘फाइजर के टीके को छोड़कर सभी टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है। फाइजर के टीके को शून्य से 70 डिग्री सेल्यसयस नीचे के तापमान पर रखना पड़ता है।’’
उन्होंने कहा कि टीके की खुराक देने के 14 दिन बाद असर दिखेगा। लोगों से कोविड-19 के संबंध में उचित व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया जाता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘‘दुनिया में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक है, भारत में संक्रमण के रोजाना के मामले घट रहे हैं लेकिन हम ढिलाई नहीं बरत सकते।’’
भूषण ने कहा कि देश में संक्रमण दर 5.7 प्रतिशत पर है जबकि पिछले एक सप्ताह में यह दर दो प्रतिशत दर्ज की गयी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के करीब 43.96 प्रतिशत मरीज स्वास्थ्य केंद्रों में हैं, 56.04 प्रतिशत घर पर पृथक-वास में हैं ।