भारी हंगामें के बीच राज्यसभा में कृषि विधेयक पास, कार्यवाई के दौरान राज्यसभा टीवी रहा बंद, मीडिया भी रहा गैरहाजिर

ब्रायन ने कहा, "सरकार कहती है कि आज का दिन ऐतिहासित है, हम भी कहते हैं कि आज का दिन ऐतिहासिक है, लेकिन यह संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन है। "

नई दिल्ली। देश की संसद ने आज कृषि बिल को कानूनी जामा पहना दिया है। मोदी सरकार कृषि बिल को आज राज्यसभा में पास करवाने में कामयाब रही। इस बिल को पास कराने के दौरान राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। इस दौरान राज्यसभा सभापति का माइक फेक दिया गया और रूल बुक फाड़ दी गयी। सदन के भीतर विपक्षी सांसदों के साथ मार्शल्स की धक्कामुक्की भी हुई। बिल पास होने तक राज्यसभा का माहौल काफी स्तब्धकारी था।

इस बिल का विरोध कांग्रेस, समाजावादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, तृणमुल कांग्रेस, कम्यूनिष्ट पार्टी सहित, देवेगौड़ा की जनता दल (सेकुलर) सहित दक्षिण भारत की कई छोटी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने भी किया, लेकिन मोदी सरकार की रणनीति के आगे विपक्ष दल एक बार फिर बिखर गया और दूसरे विधेयक की तरह इस कृषि बिल को भी पास करवाने में कामयाब रही।

तृणमुल कांग्रेस के नेता डेरेक-ओ-ब्रायन ने कहा कि इस बिल को पास करवाने के लिए सरकार को राज्यसभा में संख्या बल नहीं था। जिसके कारण कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने वोट करवाकर बिल को पास करने की बात कही, लेकिन सरकार ने हंगामा करके बिल को पास कर लिया।

कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों को यह उम्मीद थी कि वे विपक्षी पार्टियां जो कई मुद्दों पर सरकार का साथ दे चुकी हैं, ये इस बिल पर सरकार का साथ नहीं देंगी। ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद थी कि कृषि बिल राज्यसभा पास नहीं हो पाएगा, लेकिन सरकार ने इस बिल को पास करवाने में विपक्षी दलों की सोच से हमेशा की तरह एक कदम आगे रही और उनका पूरा-पूरा विरोध धरा का धरा रह गया और सरकार बिल पास कराने में कामयाब रही।

मोदी ने बिल को बताया ऐतिहासिक
कृषि बिल के राज्यसभा में पास हो जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह बिल किसानों के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ” भारतीय कृषि के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक क्षण है। हमारे मेहनती किसानों को संसद में प्रमुख विधेयकों के पारित होने पर बधाई, जो कृषि क्षेत्र के संपूर्ण परिवर्तन के साथ-साथ करोड़ों किसानों को सशक्त बनाएंगे। ”

प्रधानमंत्री ने इस कृषि विधेयक को लेकर एक के बाद एक विभिन्न भाषाओं में सिलसिलेवार कई ट्वीट किए।

राहुल गांधी और कांग्रेस किसानों को सशक्त होना नहीं देखना चाहती
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, ” कांग्रेस ने लोक सभा चुनाव 2019 के अपने घोषणापत्र में एपीएमसी व्यवस्था को खत्म करने की बात की थी जबकि इन विधेयकों के अनुसार MSP और APMC चलती रहेगी। मोदी सरकार तो किसानों को बेहतर विकल्प उपलब्ध करा रही है। आखिर राहुल गांधी और कांग्रेस किसानों को सशक्त होते देखना क्यों नहीं चाहते। ”

APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा ?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जब देश में किसानों का माल खरीदने वाले बनाये गए बाजार खत्म हो जाएंगे तो किसानों को उनकी फसलों का समर्थन मूल्य कहां से मिलेगा ? राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, ” मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले क़ानून’ से किसानों को: 1. APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा? 2. MSP की गारंटी क्यों नहीं? मोदी जी किसानों को पूँजीपतियों का ‘ग़ुलाम’ बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा। ”

राज्यसभा टीवी का प्रसारण रहा बंद, मीडियाकर्मी रहे गायब
टीएमसी नेता डेरेक-ओ-ब्रायन ने आरोप लगाया कि बिल पास होने के दौरान राज्यसभा की कार्यवाई को जनता की नजरों से छुपाने के लिए राज्यसभा टीवी के प्रसारण बंद करवा दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिदिन जो पत्रकार राज्यसभा की कार्यवाई की रिपोर्टिंग करते थे वह भी आज गायब थे।

उन्होंने कहा कि हमारे राज्यसभा में जो कुछ हुआ उसका वीडियो रिकॉर्डिंग हैं और उचित समय पर हम इसको पेश करेंगे।
ब्रायन ने कहा, “सरकार कहती है कि आज का दिन ऐतिहासित है, हम भी कहते हैं कि आज का दिन ऐतिहासिक है, लेकिन यह संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन है। “

First Published on: September 20, 2020 5:01 PM
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