धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और जानिए इस दिन का महत्व


मान्यता है कि धनतेरस के दिन विधि विधान से की गई पूजा घर परिवार में सुख-समृद्धि लाती है। 


शिवांगी गुप्ता शिवांगी गुप्ता
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धनतेरस का त्योहार दिवाली के ठीक दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर के अलावा धन्वंतरि जी और मृत्यू के देवता यमराज की पूजा करना शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से की गई पूजा घर परिवार में सुख-समृद्धि लाती है।

तिथि के अनुसार इस बार धनतेरस 2 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन खासतौर पर सोने-चांदी और घर के लिए बर्तन खरीदने का काफी महत्व है। इसी के साथ ही धनतेरस के दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाये जाते हैं, क्योंकि इस दिन से ही दीपावली के त्योहार की शुरुआत हो जाती है। तो चलिए धनतेरस की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

हर साल धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 2 नवंबर को सुबह 11.31 बजे से शुरु होकर 3 नवंबर की सुबह 9.02 पर समाप्त होगी। वहीं इस बार धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06.17 से रात 8.11 तक रहेगा।

धनतेरस पूजा विधि

पूजा के समय भगवान सूर्य, भगवान गणेश, मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, भगवान शिव, भगवान विष्णु, कुबेर देव और धन्वंतरि जी की प्रतिमा स्थापित करें। जिसके बाद धनवंतर‍ि की षोडशोपचार पूजा करें और फिर मंत्रो का जाप करते हुए उन्हें गंध, अबीर, गुलाल, पुष्प, रोली, अक्षत आदि अर्पण करें। जिसके बाद उन्हें खीर का भोग लगाकर श्रीफल और दक्षिणा चढ़ाएं। पूजा के अंत में कपूर से आरती करने के बाद अपने मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। इसी के साथ ही एक दीपक यम देवता के नाम पर भी जलाएं।

धनतेरस पर क्या खरीदें

इस दिन नई चीजें जैसे सोना, चांदी, पीतल खरीदना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन धनिया और झाड़ू खरीदना भी शुभ होता है। लेकिन इस दिन भूलकर भी लोहा या एल्यूमीनियम की चीज नहीं खरीदनी नहीं चाहिए।