भीमा कोरेगांव मामला : सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की याचिका पर गौतम नवलखा को जारी किया नोटिस

अदालत ने कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि जब पिछली तारीख पर एनआईए को अंतरिम जमानत की याचिका में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और उसने इसका विरोध करते हुये हलफनामा भी दाखिल किया, इसके बावजूद जांच एजेन्सी ने आवेदक को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर करने के लिये अनावश्यक जल्दबाजी दिखाई।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की याचिका पर गौतम नवलखा को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस शीर्ष अदालत ने भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली और मुंबई की विशेष अदालतों की न्यायिक कार्यवाही का रिकार्ड मंगाने की याचिका पर दिया।

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से एनआईए की अपील पर सुनवाई करते हुए गौतम नवलखा को नोटिस जारी किया। नवलखा को 26 मई को दिल्ली की तिहाड़ जेल से मुंबई ले जाया गया था। पीठ ने इसके साथ ही एनआईए की अपील दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दी।

पीठ ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता के इस कथन का संज्ञान लिया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने अधिकार क्षेत्र के बगैर ही निचली अदालत के रिकार्ड पेश करने के लिये 27 मई का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने नवलखा की अंतरिम जमानत की याचिका लंबित होने के दौरान ही उन्हें मुंबई ले जाने के लिये ‘अनावश्यक जल्दबाजी’ करने पर राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को आड़े हाथ लिया था। 

अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि नवलखा को सप्ताहंत और अवकाश (ईद) के दिन मुंबई और दिल्ली में आवेदन दायर करने और ई-मेल से आदेश प्राप्त करने में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी ने बहुत जल्दबबाजी दिखाई जिसकी वजह से ये कार्यवाही निरर्थक हो गई। इस मामले में शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन करते हुये नवलखा ने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के समक्ष समर्पण कर दिया था और इसके बाद उसे तिहाड़ जेल में रखा गया था।

अदालत ने कहा कि इस मामले की सुनवाई की पिछली तारीख पर एनआईए को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था और एजेन्सी ने अंतरिम जमानत की अर्जी का विरोध करते हुए हलफनामा दायर किया था। 

अदालत ने कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि जब पिछली तारीख पर एनआईए को अंतरिम जमानत की याचिका में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और उसने इसका विरोध करते हुये हलफनामा भी दाखिल किया, इसके बावजूद जांच एजेन्सी ने आवेदक को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर करने के लिये अनावश्यक जल्दबाजी दिखाई। 

नवलखा ने अदालत से कहा था कि उसकी अंतरिम जमानत की अर्जी लंबित होने के दौरान ही 23 मई को एनआईए ने दिल्ली के विशेष न्यायाधीश (एनआईए) से उसकी न्यायिक हिरासत की अवधि 22 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया। लेकिन 24 मई को जांच एजेन्सी ने नवलखा को मुंबई की एनआईए अदालत में पेश करने के वारंट के लिये एक अर्जी दायर की। यही नहीं, ईद के अवसर पर राजकीय अवकाश होने के बावजूद 25 मई को नवलखा को दिल्ली से मुंबई ले जाने की ट्रांजिट रिमांड के लिये तिहाड़ जेल के संबंधित जेल अधीक्षक के समक्ष भी आवेदन दायर किया गया था।

First Published on: June 2, 2020 8:29 PM
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