छोटे संकल्पों से बड़ा बदलाव आता है: अमित शाह

पोर्ट ब्लेयर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि छोटे व्यक्तिगत संकल्प देश में आमूल-चूल परिवर्तन लाने में बहुत मददगार साबित होते हैं। शाह ने रामायण का हवाला दिया, जहां एक छोटी सी गिलहरी ने भी रावण पर भगवान राम की जीत में योगदान दिया था।

शाह ने कहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष में सभी भारतीयों को छोटे-छोटे व्यक्तिगत संकल्प लेने चाहिए जैसे कि कभी भी यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए या भोजन की बर्बादी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इन छोटे कदमों से बड़े बदलाव हो सकते हैं।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के भाजपा कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस ने कई दशकों के अपने शासन के दौरान द्वीपसमूह के लोगों के लिए कुछ नहीं किया।

उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों वी डी सावरकर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि भी अर्पित की और कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का रिश्ता स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष से रहा है।

गृह मंत्री ने देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के हिस्से के रूप में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह शपथ लेने का वर्ष है, खासकर भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए क्योंकि पार्टी का गठन देश को महान बनाने के सपने के साथ किया गया था। अगर देश के 130 करोड़ लोग छोटे-छोटे संकल्प करते हैं तो एक बड़ा बदलाव होगा, जिस तरह हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘ संकल्प व्यक्तिगत हो सकते हैं। यदि 10 साल का लड़का यातायात नियमों को नहीं तोड़ने का संकल्प लेता है और उसका पालन करता है, तो यह (देश के लिए) एक बड़ा योगदान होगा। अगर तीन-चार साल की बच्ची संकल्प लेती है कि उसे खाने के बाद अपनी थाली में चावल का एक दाना नहीं छोड़ना है तो यह देश में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।’

शाह ने कहा कि लोगों को देश के लिए जान न्यौछावर करने की जरूरत नही है क्योंकि भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है लेकिन लोगों को इस देश के लिए जीने की जरूरत है।

First Published on: October 17, 2021 4:29 PM
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