नई दिल्ली। भाजपा सांसद रूपा गांगुली शुक्रवार को राज्यसभा में बीरभूम हिंसा मामले को उठाते हुए रो पड़ीं। गांगुली ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में पैदा होना कोई अपराध नहीं है।
इसे लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के बीच नोक-झोंक हो गई जिसके कारण सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न् 11.55 बजे से दोपहर 12.10 बजे तक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
उस दौरान ट्रेजरी बेंच से बंगाल के कई सांसद भी गांगुली के समर्थन में आए और उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधा।
‘शून्यकाल’ के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए गांगुली ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने इस घटना को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में राजनीतिक हत्याएं बढ़ रही हैं और इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।
इस पर तृणमूल सांसदों ने भाजपा सांसद की टिप्पणी के खिलाफ नारेबाजी और विरोध करना शुरू कर दिया और सदन में अफरा-तफरी मच गई।
आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला कुछ देर तक चलता रहा और उपसभापति हरिवंश ने सदन में आदेश देने की कोशिश की लेकिन ट्रेजरी और विपक्षी बेंच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहे।
उपसभापति ने व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की और बार-बार सभी सदस्यों से सदन में शांति बनाए रखने को कहा। कुछ विपक्षी सांसद भी वेल में आ गए। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।