कृषि बिल के विरोध में यूपी के किसानों का मोदी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल

मनोज ने ट्वीट कर कहा, "जो किसान का नहीं वह हिंदुस्तान का नहीं। आवश्यक वस्तु (संशोधन )-2020 जमाखोरों को फसल जमा करने की छूट देता है, किसानों के पास संसाधन नहीं है वह फसल जमा कैसे करेगा।" 

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बीते मानसून सत्र में पास कराए गए 3 कृषि अध्यादेशों के विरोध में शुक्रवार को पूरे देश के किसानों आंदोलित हैं और जगह रैलियां निकाली जा रही हैं और प्रदर्शन किये जा रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में गुरुवार से ही रेल रोको आंदोलन शुरू हो चुका है। वहीं उत्तर प्रदेश में भी भारी संख्या में किसान सड़कों पर उतर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मेरठ, बागपथ, बाराबंकी  और सहारनपुर सहित प्रदेश के कई दूसरे जिलों में किसान अपनी मांगों को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।

आंदोलित किसानों ने अयोध्या-लखनऊ हाइवे किया जाम
कृषि के खिलाफ आंदोलित सैकड़ों की संख्या में किसानों ने अयोध्या-लखनऊ हाइवे जाम कर दिया। इस दौरान किसान आन्दोलन में राहगीरों का लम्बा जाम लग गया। हाइवे के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी लाइनें लग गईं। किसानों के हंगामे को लेकर प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे हैं।

उल्लेखनीय है कि इस विरोध के खिलाफ देश के किसान संगठनों मोदी सरकार के विरोध की चेतावनी दे रखी थी फिर सरकार ने किसानों की बातों को अनेदेखा करते हुए इस बिल को संसद में बिना बहुमत के केवल ध्वनी मत से पास करवा दिया और एक दिन बाद  बिना विपक्ष की मौजूदगी और बहस के सात महत्वपूर्ण बिल पास करवा दिया और उसके बाद संसद का शीतकालिन सत्र समाप्त कर दिया।

भाजपा का कृषि बिल “ईस्ट इंडिया कंपनी राज” की याद दिलाता हैः प्रियंका

कृषि बिल के मुद्दे पर किसानों के उबाल को हर पार्टी भुनाने में जुट गई है। किसानो की लड़ाई को कांग्रेस किसी भी तरह से अपने पाले में करना चाहती है। यही कारण हैं कि नये कृषि बिल का विरोध सबसे अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कृषि बिल के मुद्दे पर बीजेपी को निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने कहा है कि बीजेपी पर आरोप लगाया है कि इस नये कृषि बिल से किसानों को पहले जो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता था वह उनसे छीन लिया जाएगा। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि, ” कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए देश के किसानों को खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा।”

प्रियंका ने आगे ट्वीट कर आरोप लगाया कि यह कृषि बिल  ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है। जैसे की अंग्रेजो की स्वामित्व वाली ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में व्यापार करने करने के लिए बंगाल में कंपनी स्थापित करने की अनुमित मांगी और फिर धीरे-धीरे पूरे भारत को गुलाम बना लिया था वैसे ही देश-दुनिया के खरबपति उद्योगपति भी किसानों को धीरे-धीरे अपने चंगुल में फंसा गुलाम बना लेगें।

जो किसान का नहीं, वह हिंदुस्तान का नहीं

अपनी बेबाक भाषणों के लिए जाने जाने वाले बिहार के राष्ट्रीय जनता (राजद) के कद्दावर नेता और राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने कहा है कि नये कृषि बिल के विरोध में पार्टी अपने हर जिला मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

मनोज ने ट्वीट कर कहा, “जो किसान का नहीं वह हिंदुस्तान का नहीं। आवश्यक वस्तु (संशोधन )-2020 जमाखोरों को फसल जमा करने की छूट देता है, किसानों के पास संसाधन नहीं है वह फसल जमा कैसे करेगा।”

First Published on: September 25, 2020 11:58 AM
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