बुद्ध का संदेश प्रकाश भारत से निकला और पूरे विश्व में फैला: पीएम

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पारंपरिक बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के लिए एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव रखा और कहा कि यह शोध और वार्ता का एक मंच होगा। छठे भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध के आदर्शों और विचारों को, खासकर युवाओं के बीच बढ़ावा देने के लिए इस मंच की जमकर सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं सभी पारंपरिक बौद्ध साहित्यों व शास्त्रों के लिए एक पुस्तकालय की स्थापना करने का प्रस्ताव करता हूं। हमें भारत में ऐसी एक सुविधा का निर्माण करने में खुशी होगी और इसके लिए हम उपयुक्त संसाधन प्रदान करेंगे।’’

इस पुस्तकालय में विभिन्न देशों के बौद्ध साहित्यों की डिजीटल प्रतियों को इकट्ठा किया जाएगा और इनका रूपांतरण करने के बाद इन्हें सभी बौद्ध भिक्षुओं और विद्वानों के लिए आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा।

यह पुस्तकालय न सिर्फ साहित्य का भंडार होगा बल्कि शोध और वार्ता का एक मंच भी होगा, लोगों के बीच, समाजों के बीच तथा मनुष्य और प्रकृति के बीच ‘एक वास्तविक संवाद’ का। इसके शोध के दायरे में समकालीन चुनौतियों के खिलाफ कैसे बुद्ध के संदेश आधुनिक विश्व को राह दिखा सकते हैं, यह भी शामिल होगा।

समकालीन चुनौतियों के रूप में प्रधानमंत्री ने गरीबी, जातीयता, चरमपंथ, लैंगिक भेदभाव, जलवायु परिवर्तन सहित अन्य विषयों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में बताया कि बुद्ध का संदेश प्रकाश भारत से ही निकला और समस्त विश्व में फैला।

उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रकाश स्थिर नहीं रहा। हर नई जगह पहुंचा। बुद्ध की विचारधारा समय के साथ बढ़ती चली गई। यही वजह है कि विभिन्न देशों और विभिन्न भाषाओं में बौद्ध मठों में बौद्ध साहित्य मिल जाता हैं।’’

First Published on: December 21, 2020 12:53 PM
Exit mobile version