Budget 2025: बजट पर बसपा सुप्रीमो मायावती की पहली प्रतिक्रिया

केन्द्र की नीति मुट्ठी भर बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की संख्या बढ़ाने व उन्हें हर प्रकार का लाभ पहुँचाने के बजाय गरीब, मजदूर, किसान, मध्यम वर्ग आदि बहुजनों का दुख-दर्द मिटाने पर केन्द्रित होना जरूरी तभी आगे जनहित संभव।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के केंद्रीय बजट पेश कर दिया है। जिस पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। बसपा सुप्रीमो ने बजट में दलित और पिछड़ों के लिए योजनाएं में कुछ नहीं होने पर सवाल उठाए और कहा कि ये बजट उद्योगपतियों के लिए है। बजट में गरीबों के लिए कुछ नहीं है।

बसपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि देश में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की जबरदस्त मार के साथ ही सड़क, पानी, शिक्षा, सुख-शान्ति आदि की जरूरी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण लगभग 140 करोड़ की भारी जनसंख्या वाले भारत में लोगों का जीवन काफी त्रस्त है, जिसका केन्द्रीय बजट के माध्यम से भी निवारण होना जरूरी है।

पूर्व सीएम ने कहा कि ।किन्तु वर्तमान भाजपा सरकार का भी बजट, कांग्रेस की ही तरह, राजनीतिक स्वार्थ का अधिक व जन एवं देशहित का कम लगता है। अगर ऐसा नहीं है तो इस सरकार में भी लोगों का जीवन लगातार तंग, बदहाल व दुखी क्यों? ’विकसित भारत’ का सपना बहुजनों के हित का भी होना जरूरी है।

बसपा सुप्रीमो ने इससे पहले बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के अभिभाषण को लेकर भी अपनी बात रखी थी, उन्होंने इसे गरीबों के लिए निराशाजनक और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बताया था। उन्होंने कहा- लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले बजट सत्र के उद्घाटन में मा. राष्ट्रपति महोदया का अभिभाषण देश में जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, जीएसटी कर बोझ, घरेलू बचत में कमी आदि से त्रस्त करोड़ों गरीब, मेहनतकश व मध्यम वर्ग बहुजनों हेतु राहत व उम्मीद तो दूर सांत्वना वाला भी कम।

केन्द्र की नीति मुट्ठी भर बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की संख्या बढ़ाने व उन्हें हर प्रकार का लाभ पहुँचाने के बजाय गरीब, मजदूर, किसान, मध्यम वर्ग आदि बहुजनों का दुख-दर्द मिटाने पर केन्द्रित होना जरूरी तभी आगे जनहित संभव। ’सर्वजन हिताय व सुखाय’ के बिना देशहित अधूरा।

First Published on: February 1, 2025 1:32 PM
Exit mobile version