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पिछले कुछ महीनों से आम जनता महंगाई से परेशान थी, लेकिन अक्टूबर के महंगाई के आंकड़ों ने कुछ राहत दी है। जुलाई के बाद से लगातार तीसरे महीने खुदरा महंगाई दर में कमी देखी जा रही है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स कम होकर 4.87 फीसदी पर आ गया है। इससे पहले सितंबर में यह 5.02 फीसदी था। महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार लगातार कई कदम उठा रही है। इसमें में से एक कदम है भारत दाल (Bharat Dal) की बिक्री। महंगाई से परेशान आम जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 से चना दाल की बिक्री शुरू की। इसे ‘भारत दाल’ के नाम से बेचा जा रहा है। इस दाल की बिक्री NAFED, NCCF, केंद्रीय भंडार और सफल के जरिए की जा रही है।
‘भारत आटा‘ की बिक्री की जा रही
इससे पहले आटे के बढ़ते दाम को देखते हुए मोदी सरकार ने सस्ती कीमत पर आटे की बिक्री का फैसला किया है। इस आटे को भी भारत ब्रांड के नाम से बेचा जाएगा और इसका नाम ‘भारत आटा’ (Bharat Atta) रखा गया है। केंद्र सरकार ‘भारत आटा’ को 27.50 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रही है। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस आटे को NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार के 2,000 से ज्यादा केंद्रों के जरिए बेचा जाएगा। इसके अलावा 800 मोबाइल बैन के जरिए भी इस आटे की देशभर में बिक्री की जाएगी।
सरकार दाल कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए उठा रही कदम
गौरतलब है कि केंद्र सरकार देश में दाल की कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए चला दाल, तुअर दाल, मूंग दाल, उड़द दाल और मसूर की दाल का स्टॉक अपने पास रखती है। मार्केट में दाल की कीमतें बढ़ने पर सरकार इस स्टॉक को रिलीज कर देती है।
घरेलू मार्केट में दाल की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने तुअर और मसूर के दाल के आयात को फ्री कैटेगरी में रखा है। यह फैसला मार्च 2024 तक के लिए लागू है। वहीं मसूर दाल के आयात ड्यूटी में भी कटौती कर दी गई है। इस सभी कदमों के जरिए सरकार दाम की कीमतों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।