मुम्बई। लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने दिल्ली-मेरठ मेट्रो के काम के लिए चीन की कम्पनी को दिये गए ठेके को रद्द करने की मांग की है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने बुधवार को अनुबंध रद्द करने की मांग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की बात करने के बाद ठेका चीन की कम्पनी को दे दिया गया। किसने ठेका दिया? रेलवे किसके अधिकार क्षेत्र में आता है? क्या केन्द्र के नहीं? ’’
मंत्री ने कहा,‘‘ 12 जून को दिल्ली-मेरठ मेट्रो परियोजना का काम भारतीय कम्पनी ‘एल एंड टी’ को नजरअंदाज करते हुए चीन की कम्पनी ‘शंघाई टनल इंजीनियरिंग कम्पनी’ को दे दिया गया। फिर 15 जून को चीन ने हमारे 20 जवान को मार दिया। यह कैसी विदेश नीति है?’’ उन्होंने इस पर आश्चर्य जताते हुए केंद्र से चीन को सबक सिखाने की मांग की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि तीन चीनी कंपनियों का सामूहिक रूप से निवेश 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है। लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प से पहले ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0’ के तहत एमओयू पर सोमवार को हस्ताक्षर किए गए थे।
इन तीनों चीनी कंपनियां में हेंगली इंजीनियरिंग (Hengli Engineering), पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस जेवी विद फोटॉन (PMI Electro Mobility Solutions JV with Photon) और ग्रेट वॉल मोटर्स (Great Wall Motors) हैं जो पुणे जिले के तालेगांव में निवेश करेंगी।
महाराष्ट्र सरकार के अनुसार हेंगली इंजीनियरिंग 250 करोड़ रुपये और ऑटो सेक्टर में PMI 1,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा। वहीं ग्रेट वॉल मोटर्स 3,770 करोड़ रुपये के निवेश से एक ऑटोमोबाइल कंपनी स्थापित करेगी।