नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने शुक्रवार को भाजपा प्रवक्ता नवीन कुमार की शिकायत पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर विनोद दुआ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। नवीन ने 4 जून को दर्ज अपनी शिकायत में दुआ पर कथित तौर पर दिल्ली दंगों को लेकर गलत रिपोर्टिंग और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के समय उनके बारे में गैर-संदर्भित रिपोर्टिंग का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, दुआ अपने शो के माध्यम से ‘फर्जी सूचनाएं फैला’ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुआ ने प्रधानमंत्री के बारे में डर फैलाने वाला जैसे अपमानजनक शब्द कहकर उनका अपमान किया है। कुमार ने यह भी कहा कि दुआ ने प्रधानमंत्री को कागजी शेर बताया था। कुमार ने पांच पन्नों की इस शिकायत को अपने ट्विटर एकाउंट पर साझा किया था।
कुमार का आरोप है कि दुआ ने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल की और कहा कि व्यापमं घोटाला मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाला ‘भाजपा के काल’ में हुआ था। पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर थाने में दर्ज अपनी शिकायत में कुमार ने दुआ पर दिल्ली हिंसा के बारे में गलत रिपोर्टिंग का आरोप लगाते हुए कहा है कि दुआ ने अपने कार्यक्रम में कहा था कि ‘केंद्र सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए कुछ नहीं किया और इसके लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जिम्मेदार हैं’ और कथित तौर पर अपनी बात भाजपा नेता कपिल मिश्रा के हवाले से कही।
उन्होंने लिखा है, दुआ की नैतिकता और ईमानदारी संदेह के घेरे में है क्योंकि वे फर्जी ख़बरों के बिजनेस में शामिल हैं। पुलिस ने कहा है कि उन पर आईपीसी की धारा 290, 505 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में पटेल पर मामला दर्ज
वहीं मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व कार्यकारी निदेशक आकार पटेल के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘भड़काऊ’ विषयवस्तु पोस्ट करने के लिए एक मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस का आरोप है कि इस पोस्ट के जरिए उन्होंने लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने का कथित तौर पर प्रयास किया। जेसी नगर थाने के पुलिस निरीक्षक द्वारा की गयी शिकायत के बाद एक मामला दर्ज किया गया। इसमें आरोप लगाया गया कि पटेल द्वारा ट्विटर पर डाला गया पोस्ट भड़काऊ था।
पुलिस हिरासत में अफ्रीकी मूल के एक अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका के कई शहरों में विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए पटेल ने 31 मई को एक ट्वीट में कहा, हमारे यहां भी दलितों, मुस्लिमों, आदिवासियों, गरीबों और महिलाओं को विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। इस पर दुनिया की नजर जाएगी। इस ट्वीट पर ही उनके खिलाफ जनता को भड़काने और दंगा करवाने के इरादे से टिप्पणी करने के लिए मामला दर्ज किया गया। पटेल के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के निदेशक अविनाश कुमार ने कहा, बेंगलुरु पुलिस द्वारा आकार पटेल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना इस बात का एक और उदाहरण है कि असहमति का अधिकार देश में किस तरह अपराध बनता रहा है।
उन्होंने कहा, बेंगलुरु पुलिस को अपनी ताकत का इस्तेमाल करना बंद करना चाहिए और संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के इस्तेमाल के लिए आकार पटेल को डराना-धमकाना बंद करना चाहिए, एक बयान में उन्होंने कहा कि इस देश के लोगों को सत्ता के लोगों से सहमति या असहमति रखने तथा बिना डरे हुए और बिना किसी दखलअंदाजी के शांतिपूर्ण विरोध के तहत अपनी राय रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध करना अपराध नहीं है। सत्ता की नीतियों से सहमत नहीं होने पर आप गद्दार नहीं हो जाते।