केंद्र ने कहा- शहरी सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों में दर्ज की गयी कमी

सरकार के अनुसार व्यावसायिकता को बढ़ाकर जमाकर्ताओं के हित की रक्षा की जा सके वहीं रिजर्व बैंक के माध्यम से सुदृढ़ बैंकिंग सुनिश्चित हो।

नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2019-20 में शहरी सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी के 568 मामले सामने आए जबकि 2020-21 में इनकी संख्या 323 थी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2018-19 में शहरी सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी के 1193 मामले सामने आए थे।

सीतारमण ने बताया कि धोखाधड़ी के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए जहां 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में क्रमश: 856; 386 और 217 मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) में 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में धोखाधड़ी की क्रमश: 290; 508 और 482 घटनाएं हुयीं।

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 को अधिसूचित किया गया है, जिसमें सहकारी बैंकों के अधिक प्रभावी विनियमन के लिए रिजर्व बैंक को अतिरिक्त शक्तियां दी गई हैं। समुचित विनियमन के साथ बेहतर प्रबंधन की व्यवस्था करते समय अधिनियम का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सहकारी बैंकों के कार्य उस पद्धति में संचालित किए जाएं जिससे व्यावसायिकता को बढ़ाकर जमाकर्ताओं के हित की रक्षा की जा सके वहीं रिजर्व बैंक (आरबीआई) के माध्यम से सुदृढ़ बैंकिंग सुनिश्चित हो।

उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों के पर्यवेक्षण, निगरानी तथा आंतरिक लेखापरीक्षा तंत्र और अधिक सुदृढ़ करने के लिए आरबीआई द्वारा विभिन्न नीतिगत पहल की गई हैं।

First Published on: August 10, 2021 3:34 PM
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