चीन ने सीमा पर बड़ी संख्या में तैनात किये सैनिक और मोटर बोट, ड्रैगन की हर चाल पर भारत की पैनी नजर

रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सी लेक के किनारे अपनी-अपनी पोजिशन भी ले ली है और मोटरबोट के जरिए आक्रामक गश्ती कर रहे हैं। इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने जो अस्थायी ढांचा बना रखे थे, उन्हें भी नुकसान पहुंचाया गया है। इसके अलावा गलवान , जहां दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ, वहां चीन के सैनिक अब भी तैनात हैं। जवाब में भारत ने भी सैनिकों के जमावड़े को बढ़ा दिया है।

नई दिल्ली। जब दुनिया के देश चीन की लापरवाही से फैला कोरोना महामारी पर उसको सबक सिखाने के लिए लामबंद हो रहे हैं ऐसे में चीन अपने देश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए भारत से टकराव की नई चाल चल दी है। इसके लिए चीन लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर दोनो देशों के सैनिकों के बीच हुई तीखी नोंकझोंक को लेकर चीन ने अपनी सीमा पर भारी संख्या में सैनिक और मोटर बोट तैनात कर दिया है। 

चीन की इस हरकत को भांप स्थिति से निपटने के लिए भारत भी हर स्तर से तैयार है और इसके लिए देश के शीर्ष नेतृत्व सहित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और हर एक गतिविधियों की जानकारी ले रहे हैं।

बता दें कि कोरोना वायरस चीन से पूरी दुनिया में फैला और अब जब अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया में यह मांग जोर पकड़ रही है कि वायरस के फैलने की अंतरराष्ट्रीय जांच हो और हजारों मौतों की जिम्मेदारी तय हो। ऐसे वक्त में चीन न सिर्फ जगह-जगह टकराव के जरिए इस मुद्दे से ध्यान भटका रहा है, बल्कि ऐसा माना जा रहा है कि लिपुलेख मामले पर चीन नेपाल को भी सहयोग कर रहा है जिसके परिणाम स्वरूप भारत पर पूरी तरह निर्भर नेपाल इसको लेकर गत कई दिनों से भारत के खिलाफ तीखा बयान दे रहा है।

गौरतलब है कि भारत-चीन सीमा पूरी तरह स्पष्ट नहीं होने के कारण दोनों देशों के सैनिकों के बीच नोकझोक आम बात है और पट्रोलिंग के दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच आमना-सामना होने पर कभी हल्की तो कभी तीखी नोकझोक हो जाती है, लेकिन इस बार का टकराव गंभीर रूप लेता जा रहा है। टकराव के बाद चीन ने अपनी ओर सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है। चीन के सैनिक इस हफ्ते उसी क्षेत्र में सैन्य अभ्यास कर रहे थे। उस सैन्य अभ्यास में इस्तेमाल हो रहे भारी हथियारों, सैन्य साजोसामानों को भी चीन ने बॉर्डर पर तैनात कर दिया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सी लेक के किनारे अपनी-अपनी पोजिशन भी ले ली है और मोटरबोट के जरिए आक्रामक गश्ती कर रहे हैं। इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने जो अस्थायी ढांचा बना रखे थे, उन्हें भी नुकसान पहुंचाया गया है। इसके अलावा गलवान , जहां दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ, वहां चीन के सैनिक अब भी तैनात हैं। जवाब में भारत ने भी सैनिकों के जमावड़े को बढ़ा दिया है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक गलवान में टकराव वाली जगह के करीब 4 किलोमीटर के दायरे में चीन ने अतिरिक्त सैनिकों की भी तैनाती कर दी है। साथ ही एक अन्य रिपोर्ट्स के मुताबित जिस जगह पर टकराव हुआ था, वहां पर चीन की तरफ से 80 से ज्यादा टेंट लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा चीन की तरफ से अस्थायी डिफेंसिव पोजिशन भी तैयार किए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने गलवान नदी के करीब री-इनफोर्समेंट भी तैयार कर रखा है।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का संभावित निशाना पिछले साल तैयार दरबुकशियोक-दौलत बेग ओल्डी (DBO)रोड हो सकता है। यह रोड सब सेक्टर नॉर्थ (SSN)के लिए जीवन रेखा है। हालांकि, चीन को किसी भी तरह की हिमाकत से रोकने के लिए भारत ने भी पर्याप्त संख्या में सैनिकों की तैनाती की है।  विशेषज्ञों के मुताबिक अब इस क्षेत्र की जमीनी स्थिति 1962 से जुदा है, जब चीनी सेना ज्यादा तादाद की वजह से भारी पड़ी थी।

हांलाकि इस सब हालातों के बावजूद विवाद को हल करने के लिए भारत-चीन के बीच उच्च स्तर पर बातचीत की कोशिशें जारी हैं, लेकिन सरकार की माउथपीस कहे जाने वाले चीनी मीडिया के अनुसार चीन इलाके पर अपनी ‘पकड़ मजबूत’ कर रहा है। वहीं ताजा स्थिति पर भारतीय पक्ष ने विस्तार से कोई टिप्पणी नहीं की है, बल्कि यही कहा है कि विवादित सीमा पर इस तरह के टकराव होते रहते हैं और इन्हें बातचीत के जरिए लोकल स्तर पर ही निपटा लिया जाता है। 

First Published on: May 20, 2020 11:25 AM
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