
हैदराबाद। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना का प्रारूप पर्यावरणीय कानूनों को कमजोर करने के लिये उठाए गए भाजपा नीत केन्द्र सरकार के सिलसिलेवार कदमों का हिस्सा है। उन्होंने अधिसूचना को लोकतंत्र विरोधी, ‘जन-विरोधी’ और ‘सहकारी संघवाद विरोधी’ करार दिया।
रमेश ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर आरोप लगाया कि वह अपने काम को भारत के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षक की तरह देखने के बजाय परियोजनाओं को मंजूरी देने वाले व्यक्ति की तरह देखते हैं।
पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश ने कहा, उनका काम पर्यवारण और वनों की रक्षा करना और पहले से मौजूद कानूनों का पालन कराना है, लेकिन वह अपने काम को इस तरह नहीं देखते।
रमेश ने डॉक्टर चचन्ना रेड्डी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा ‘ईआईए मसौदा अधिसूचना 2020’ पर आयोजित वेबिनार में कहा, ‘वह अपने काम को परियोजनाओं को मंजूरी देने वाले व्यक्ति के रूप में देखते हैं न कि भारत के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षक के रूप में।