नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के मंगलवार को देश की जनता के संबोधिन के दौरान किए गए 20 लाख करोड़ रुपये
के विशेष आर्थिक पैकेज पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कोई
इसे हेडलाइन बता रहा है तो कोई इसकी तुलना 15 लाख रुपये वाले
वादे से कर रहा है।
प्रधानमंत्री के राहत पैकेज के ऐलान के
बाद पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘मंगलवार को प्रधानमंत्री ने हमें एक
हेडलाइन दी और एक खाली पन्ना छोड़ गए। स्वाभाविक रूप से मेरी प्रतिक्रिया भी उसी
खाली पन्ने की तरह होगी। आज हम उस खाली पन्ने को भरने के लिए वित्त मंत्री की तरफ
देख रहे हैं। हम ध्यान से उस हर अतिरिक्त रुपये को गिनेंगे जो सरकार वास्तविक रूप
से अर्थव्यवस्था में डालेगी। हम इसकी भी पड़ताल करेंगे कि किसे क्या मिलता है?’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पहली चीज यह
है कि गरीब, भूखे और तबाह
प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं?
हम यह देखेंगे कि निचले हिस्से की जनसंख्या (13 करोड़ परिवारों) को वास्तविक धन के मामले में क्या मिलेगा?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बुधवार को
कहा, “अधिकांश
पैकेजिंग, न्यूनतम मायने।” कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट
में लिखा- “कल रात प्रधानमंत्री ने वही किया जो उन्हें अच्छी तरह आता है।
मैक्सिमम पैकेजिंग, मिनिमम मीनिंग। यह क्लासिक नमो का उदाहरण है।”
कल, पीएम ने हमें एक हेडलाइन और एक खाली पेज दिया। स्वाभाविक रूप से, मेरी प्रतिक्रिया भी खाली थी!
आज, हम उस खाली पन्ने को भरने के लिए वित्त मंत्री की तरफ देख रहे हैं। हम ध्यान से हर अतिरिक्त रुपए को गिनेंगे जो सरकार वास्तविक रूप से अर्थव्यवस्था में डालेगी।— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 13, 2020
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि सभी जनधन खातों में 7500 रुपये डाले जाने के बाद जनता को सरकार की घोषणा पर विश्वास होगा। उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया कि भाजपा जनता को टोपी पहनाने और दिन में तारे दिखाने में माहिर है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज, भाजपा की वादाखिलाफी का एक और उदाहरण साबित नहीं होगा।
शेरगिल के मुताबिक, उम्मीद की जाती है कि यह पैकेज उसी कारखाने में नहीं बना है जहां 15 लाख रुपये का वादा किया गया था, गंगा की सफाई का वादा किया गया था, दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था और कालाधन वापस लाने का वादा किया गया था। जनता अब तभी विश्वास करेगी जब हर जनधन खाते में 7500 रुपये डाल दिए जाएंगे।उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि इस बार जनता को ठगा नहीं जाएगा और वित्त मंत्री की ओर से घोषित पैकेज और प्रधानमंत्री के शब्दों में तालमेल होगा और कथनी एवं करनी में अंतर नहीं होगा।
आपको बता दें कि पीएम के इस ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम चार बजे इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। इसमें वह बताएंगी कि 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का इस्तेमाल किन-किन क्षेत्रों में किया जाएगा और किसे कितनी राशि मिलेगी।
Last night the Prime Minister did what comes to him best.
Maximum Packaging, Minimum Meaning.
It was a case of classic NAMO. No Action Messaging Only— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 13, 2020