कोविड-19: भारतीय विमानन क्षेत्र में 29 लाख नौकरियां पड़ सकती हैं खतरे में

एक वैश्विक विमानन संघ ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते भारतीय विमानन क्षेत्र और उस पर निर्भर उद्योगों में 29 लाख नौकरियों के जोखिम में पड़ने की आशंका है। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान तीन मई तक पूरे देश में वाणिज्यिक उड़ान सेवाएं निलंबित हैं।

एक वैश्विक विमानन संघ ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते भारतीय विमानन क्षेत्र और उस पर निर्भर उद्योगों में 29 लाख नौकरियों के जोखिम में पड़ने की आशंका है। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान तीन मई तक पूरे देश में वाणिज्यिक उड़ान सेवाएं निलंबित हैं।

अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) ने कहा कि उसके ताजा अनुमानों के मुताबिक एशिया प्रशांत क्षेत्र में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही भारत इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। संस्था ने कहा कि महामारी और लॉकडाउन ने आर्थिक गतिविधियों को काफी प्रभावित किया है, जिसमें सबसे अधिक असर विमानन और पर्यटन पर पड़ा है।

आईएटीए ने भारत के बारे में कहा कि महामारी के चलते देश के विमानन क्षेत्र और उस पर निर्भर उद्योगों में 29,32,900 नौकरियों के खतरे में पड़ने की आशंका है। संघ ने कहा कि भारतीय बाजार से परिचालन करने वाली विमानन कंपनियों के राजस्व में 85,000 करोड़ रुपये से अधिक का असर होगा और 2019 की तुलना में यात्री आय में कमी होगी।

आईएटीए करीब 290 विमानन कंपनियों का समूह है, जिसमें एयर इंडिया, विस्तारा, इंडिगो और स्पाइसजेट शामिल हैं।

First Published on: April 25, 2020 8:52 AM
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