भुवनेश्वर में नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर जानलेवा हमला


कार्यक्रम स्थल पर करीब 250 लोगों की भीड़ ने पथराव किया और पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला किया। इस दौरान दर्जनों वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस हमले की जानकारी खुद चंद्रशेखर आजाद ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर शेयर की।


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आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नागिना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद पर उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में जानलेवा हमला हुआ। ये घटना मंगलवार (4 मार्च) को एक जनसभा कार्यक्रम के दौरान हुई। चंद्रशेखर आजाद ने दावा किया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने इस हमले को अंजाम दिया।

बताया जा रहा है कि कार्यक्रम स्थल पर करीब 250 लोगों की भीड़ ने पथराव किया और पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला किया। इस दौरान दर्जनों वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस हमले की जानकारी खुद चंद्रशेखर आजाद ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर शेयर की। उन्होंने आरोप लगाया कि ये हमला संगठित तरीके से किया गया और इसका उद्देश्य लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलना था।

चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना के लिए संघ परिवार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ऐसे संगठनों को सत्ता का खुला संरक्षण हासिल है। उन्होंने हमले के दोषियों की गिरफ्तारी और उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यह हमला बहुजन आंदोलन, दलित-पिछड़े समाज और संवैधानिक अधिकारों के लिए उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश है।

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से वे डरने वाले नहीं हैं और उनका संघर्ष लोकतंत्र की रक्षा के लिए जारी रहेगा। उन्होंने भुवनेश्वर में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उड़ीसा में पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया।

भुवनेश्वर में जनसभा के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि पिछले छह सालों से भीम आर्मी यहां तेजी से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि अब वे उड़ीसा में आजाद समाज पार्टी को भी एक्टिव करने जा रहे हैं। उनका कहना था कि जब तक बहुजन समाज के लोग राजनीति में मजबूत नहीं होंगे तब तक उनकी आवाज नीतिगत फैसलों तक नहीं पहुंचेगी।

चंद्रशेखर आजाद ने उड़ीसा में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के साथ हो रहे भेदभाव पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन यहां उन्हें केवल 11.25% ही मिल रहा है। इसी तरह सामान्य वर्ग की 6% आबादी को 10% आरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से इन मुद्दों पर जवाब देने की मांग की।

उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई संविधान के अनुरूप है और वे अपने संघर्ष को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अनुशासन बनाए रखें और समाज के उत्थान के लिए संगठित होकर काम करें। उनका कहना था कि जब तक नीति-निर्माण की प्रक्रिया में बहुजन समाज की भागीदारी नहीं बढ़ेगी तब तक उनके अधिकार सुरक्षित नहीं रह सकते।

कार्यक्रम के दौरान चंद्रशेखर कार्यकर्ताओं को अनुशासन और एकता बनाए रखने की सीख दी। उन्होंने कहा कि जो लोग सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं उन्हें पहले खुद सीखना होगा और फिर दूसरों को सिखाना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है।

 



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