रक्षा मंत्रालय का फैसला, सेना में अब नहीं होगा मैटरनिटी लीव सबके लिए बराबर


रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस उपाय से सेना में महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें पेशेवर और पारिवारिक जीवन के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।


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सशस्त्र बलों में अब मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) में रैंक भेदभाव नहीं होगा। महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सेनाओं को एक अधिकारी के बराबर मातृत्व, बच्चों की देखभाल और कानूनी रूप से बच्चे को गोद लेने पर अवकाश मिलेगा।

रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने रविवार को कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के बराबर मातृत्व, बच्चों की देखभाल और बच्चों को गोद लेने की छुट्टियों के नियमों के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नियम जारी होने के साथ ही सेना में सभी महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टियां देना समान रूप से लागू होगा, चाहे वह अधिकारी हों या किसी अन्य रैंक की।

एमओडी अधिकारी ने कहा,”यह निर्णय सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं की समावेशी भागीदारी के रक्षा मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है, चाहे उनकी रैंक कुछ भी हो। छुट्टी नियमों के विस्तार से महिला-विशिष्ट पारिवारिक और प्रासंगिक सामाजिक मुद्दों से निपटने में काफी मदद मिलेगी।“

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस उपाय से सेना में महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें पेशेवर और पारिवारिक जीवन के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में सक्रिय रूप से तैनात होने से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ आसमान पर हावी होने तक, भारतीय महिलाएं अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को तोड़ रही हैं।

2019 में, भारतीय सेना के सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में महिलाओं की भर्ती कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हमेशा से मानना रहा है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में अपने पुरुष समकक्षों के बराबर होना चाहिए।