नेपाल में भूकंप से मची तबाही, दहशत में सड़क पर रात गुजारने को मजबूर हुए सैकड़ों पीड़ित


नेपाल के उपप्रधानमंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने शनिवार को कहा कि सरकार प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रही है।हजारों लोग रातों-रात बेघर हो गए हैं , ऐसे में तंबू, भोजन और दवाएं भेजी गईं हैं।राहत और बचाव काम में लगे कर्मचारियों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अभियान में बाधा आ रही है।


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नेपाल में शुक्रवार रात को आए तेज भूकंप के कारण लोग दहशत में हैं।यही वजह है कि कड़ाके की ठंड होने के बावजूद भी लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं। दरअसल, भूकंप की वजह से लोग इस कदर डरे हुए हैं कि वे अपने घरों में नहीं जा रहे हैं।बता दें कि अब तक भूकंप के कारण नेपाल में 157 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।भूकंप के कारण अधिकांश घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।ऐसे में कुछ लोग मजबूरन भी सड़कों पर सोए।

रविवार की सुबह इंडिया टुडे से बात करते करते हुए चिउरी गांव के निवासी लाल बहादुर बिका ने दाह-संस्कार के इंतजार में सफेद कपड़े में लिपटे 13 शवों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम अपने ग्रामीणों के शवों का अंतिम संस्कार करने का इंतजार कर रहे हैं।साथ ही कहा कि भूकंप में घायल हुए लोगों का इलाज जारी है।

रिपोर्ट के अनुसार, चिउरी गांव में अधिकांश घर ढह गये हैं। कड़ाके की ठंड में लोगों को जो कुछ भी मिला, उसका उपयोग किया।खुद को गर्म रखने के लिए लोगों ने अलाव और पुराने कपड़ों का इस्तेमाल किया।रिपोर्ट के अनुसार, अभी भी अधिकांश लोग मलबे के नीचे से अपना सामान निकालने में असमर्थ हैं।

बता दें कि शुक्रवार को आया भूकंप साल 2015 में आए भूकंप के बाद यह नेपाल का सबसे खतरनाक भूकंप था। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए अधिकांश लोग मलबे में दबने के कारण मरे हैं।

नेपाल के उपप्रधानमंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने शनिवार को कहा कि सरकार प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रही है।हजारों लोग रातों-रात बेघर हो गए हैं , ऐसे में तंबू, भोजन और दवाएं भेजी गईं हैं।राहत और बचाव काम में लगे कर्मचारियों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अभियान में बाधा आ रही है।

पहाड़ी गांवों तक केवल पैदल जाने का रास्ता है।रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के कारण हुए भूस्खलन से सड़कें भी अवरुद्ध हो गईं हैं।नेपाल की सरकार भूकंप प्रभावित इलाकों में सैन्य हेलीकॉप्टर्स के जरिए राहत सामग्री की सप्लाई कर रही है।



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