देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार (10 नवंबर) शाम करीब 7 बजे हुए धमाके ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई और शुरुआती जांच में सामने आया कि जम्मू-कश्मीर का रहने वाला डॉ. उमर इस हमले का मास्टरमाइंड था। जांच एजेंसियों के अनुसार, वह इस वारदात की तैयारी लंबे समय से कर रहा था। घटना के बाद एजेंसियों ने लगातार छापेमारी और कार्रवाई तेज की है। इसी कार्रवाई के तहत आतंकी उमर के घर को भी IED से ढहा दिया गया है।
लाल किले के पास हुए धमाके के बाद जांच एजेंसियों ने पूरे देश में छापेमारी की। जांच में यह खुलासा हुआ कि इस ब्लास्ट के पीछे आतंकी डॉ। उमर का ही हाथ था। साथ ही पता चला कि उसका ग्रुप पिछले दो सालों से इस हमले की योजना तैयार कर रहा था। पुलिस ने उमर के परिवार पर भी कार्रवाई की और उसके भाई और मां को हिरासत में लिया।
जांच के दौरान उमर की मां ने बताया कि उन्हें पहले से पता था कि उनका बेटा कट्टरपंथी विचारों में लिप्त हो गया है। कई दिनों तक उनसे कोई संपर्क नहीं रहता था। धमाके से कुछ समय पहले ही उमर ने परिवार को कॉल न करने के लिए कहा था। हालांकि, परिवार की ओर से उमर की इन संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पुलिस को पहले नहीं दी गई थी।
दिल्ली धमाके में पुलवामा के रहने वाले उमर का नाम जांच में सामने आया था। जांच एजेंसियों ने यह भी पुष्टि की कि इस धमाके में उमर की भी मौत हो गई। पेशे से डॉक्टर उमर, जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से जुड़ा था। धमाके से पहले ही पुलिस ने उमर की गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था, जिनके कब्जे से 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था।
