गणतंत्र दिवस हिंसा मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को दी सलाह

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार और पुलिस को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार और पुलिस को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने गणतंत्र दिवस पर हुए प्रदर्शनों के सिलसिले में 26 जनवरी से पुलिस द्वारा कथित तौर पर अवैध हिरासत में लिए गये लोगों को फौरन रिहा करने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज करते हुए यह निर्देश जारी किया।

अदालत ने याचिका खारिज करते हुए यह भी कहा कि यह प्रचार पाने के उद्देश्य से दायर की गई याचिका प्रतीत होती है।

विधि स्नातक याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उन्हें खबरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के जरिये यह पता चला है कि लोगों को सिंघू, गाजियाबाद और टीकरी बॉर्डर से हिरासत में लिया गया है।

हरमन प्रीत सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया था कि दिल्ली पुलिस ने 27 जनवरी को कहा था कि उसने राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के सिलसिले में 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और अब तक 22 प्राथमिकियां भी दर्ज की गई हैं।

यह याचिका अधिवक्ता अशिमा मंडला और मंदाकिनी सिंह के मार्फत दायर की गई थी।

गौरतलब है कि केंद्र के नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसान संगठनों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान प्रदर्शनों ने दिल्ली में हिंसक रूप धारण कर लिया था। साथ ही, कई प्रदर्शनकारी लाल किले में प्रवेश कर गये थे और इस ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था।

First Published on: February 2, 2021 4:47 PM
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