अवधी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की मांग

भाजपा सदस्य अशोक वाजपेयी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अवधी समृद्ध साहित्य वाली भाषा है और गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस सहित कई ग्रंथ अवधी में ही रचित हैं जो जन-जन में लोकप्रिय हैं।

नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को भाजपा के एक सदस्य ने अवधी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की मांग की और कहा कि यह भाषा भगवान राम की जन्मस्थली से भी जुड़ी रही है।

भाजपा सदस्य अशोक वाजपेयी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अवधी समृद्ध साहित्य वाली भाषा है और गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस सहित कई ग्रंथ अवधी में ही रचित हैं जो जन-जन में लोकप्रिय हैं।

उन्होंने कहा कि अब अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है, और ऐसे में अवधी भाषा के योगदान को देखते हुए उसे संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाना चाहिए।

भाजपा के हरनाथ सिंह यादव ने कैंसर रोग के मामलों में वृद्धि होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन साल में लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस बीमारी के कारणों में रसायनयुक्त भोजन, नशीले पदाथों का सेवन और जीवन शैली शामिल हैं।

यादव ने कहा कि अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों में भी यह रोग फैल रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार शराब से राजस्व अर्जित कर रही है वहीं दूसरी ओर नशामुक्ति अभियान भी चला रही है।

उन्होंने मांग की कि सरकार को दीर्घकालिक नीति बनाकर शराब का व्यावार बंद करना चाहिए।

शून्यकाल में ही भाजपा के एक अन्य सदस्य हरिद्वार दूबे ने प्रदूषण के कारण ताज महल की सुंदरता प्रभावित होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से तत्काल ऐसे कदम उठाए जाने की मांग की जिससे विश्व प्रसिद्ध ताज महल के आसपास प्रदूषण पर नियंत्रण हो सके।

भाजपा के सकलदीप राजभर ने विशेष उल्लेख के जरिए पूर्वांचल में बंद हो गईं गन्ना मिलों को फिर से चालू करने की मांग की।

शून्यकाल में ही कांग्रेस के प्रताप सिंह सिंह बाजवा, भाजपा सदस्य जय प्रकाश निषाद, किरोड़ी लाल मीणा, बीजद के अमर पटनायक और सुभाष चंद्र सिंह, वाईएसआर कांग्रेस के पी सुभाष चंद्र बोस, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी आदि ने भी लोक महत्व के विषय के तहत अपने अपने मुद्दे उठाए।

First Published on: March 15, 2021 6:48 PM
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