
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले की पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए रवाना हो गया है। वहीं कांग्रेस नेताओं को पीड़िता के परिवार से मिलने से रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ ने सारे इंतजाम कर रहे हैं और कई हजार पुलिसकर्मियों का जत्था दिल्ली-यूपी को जोड़ने वाले मार्ग डीएनडी पर तैनात कर रखी है।
रवाना होने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस संदर्भ में कहा कि उन्हें इस दुखी परिवार से मिलने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उप्र सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।’’
दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 3, 2020
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के कई सांसद हाथरस जाएंगे और शोकाकुल परिवार से मुलाकात करेंगे।
वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल परिवार से मुलाकात कर उनकी चिंताएं सुनेगा और पीड़िता एवं परिवार के लिए न्याय की मांग करेगा।’’
इससे पहले, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने बृहस्पतिवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात के लिए हाथरस जाने से रोककर हिरासत में ले लिया था। इस दौरान राहुल गांधी के साथ पुलिसवालों ने काफी बदसलूकी भी की थी जिसमें राहुल गांधी को चोटें भी आई थीं।
हाथरस की पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद करे उप्र सरकार: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथरस की पीड़िता के परिवार को नार्को टेस्ट की धमकी दिए जाने का आरोप लगाया और कहा कि इस परिवार को धमकाना बंद कीजिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ उप्र सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं।’’
यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है।
पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा।
ये व्यवहार देश को मँजूर नहीं।
पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 3, 2020
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘ पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।’’
उधर, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि अगर परिवार को लोगों से मिलने पर लगी रोक नहीं हटाई गई तो वह अदालत का रुख करेंगे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हाथरस की पीड़िता के परिवार को किसी से मिलने से रोके जाने को लेकर कपिल सिब्बल से चर्चा की । यह इस परिवार के मौलिक अधिकार का घोर हनन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सलाह है कि वह यह रोक हटाएं, नहीं तो हम अदालत का रुख करेंगे।’’
उप्र के अपर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक पीड़िता परिवार वालों से मिले
हाथरस में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिजनों से मिलने अपर मुख्य सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक शनिवार को पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिले और उन्होंने न्याय का पूरा भरोसा दिलाया।
यह दोनों अधिकारी पीड़िता के परिजनों से मिलेंने के बाद वहां से लौटकर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे।
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा क्षेत्र में 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित रूप से बलात्कार किया गया था। वारदात के दौरान गला दबाए जाने से उसकी जबान भी कट गई थी। लड़की को पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां गत मंगलवार को उसकी मौत हो गई।