
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीशों के मणिपुर का दौरा करने के निर्णय का मंगलवार (18 मार्च, 2025) को स्वागत किया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस रमाकृष्ण गवई और पांच अन्य जज जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में राहत शिविरों का 22 मार्च को दौरा करेंगे।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले का स्वागत करती है। जयराम रमेश ने सरकार की आलोचना करते हुए मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया।
जयराम रमेश ने कहा, ‘वह (प्रधानमंत्री मोदी) दुनियाभर में जाते हैं, असम जाते हैं, अन्य जगहों पर जाते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं जाते जबकि राज्य के लोग उनके दौरे का इंतजार करते रहते हैं।’ मणिपुर में तीन मई 2023 को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 200 से अधिक लोग मारे गए, सैकड़ों लोग घायल हुए और हजारों अन्य विस्थापित हुए।
नालसा ने कहा कि प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस गवई, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एम एम सुंदरेश, जस्टिस के वी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह के साथ मणिपुर हाईकोर्ट के द्विवार्षिक समारोह के अवसर पर राहत शिविरों का दौरा करेंगे।
नालसा ने 17 मार्च को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया, ‘तीन मई 2023 को शुरू हुई जातीय हिंसा के लगभग दो साल बाद भी कई लोग मणिपुर में राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।’ नालसा ने बताया कि इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए।
प्राधिकरण ने बताया कि जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और उखरुल जिलों में नए कानूनी सहायता केंद्रों के अलावा राज्य भर में कानूनी सेवा शिविरों और चिकित्सा शिविरों का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करेंगे।
नालसा के अनुसार, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को आवश्यक राहत सामग्री वितरित की जाएगी। विज्ञप्ति में बताया गया, ‘हिंसा के बीच, नालसा ने मणिपुर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (MASLSA) के साथ मिलकर प्रभावित समुदायों को कानूनी सहायता और सहयोग प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’