आजाद भारत के इतिहास में पहली बार देश दोराहे पर खडा हैः सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 50.96 डॉलर प्रति बैरल है यानी एक लीटर कच्चे तेल की कीमत मात्र 23.43 रूपये है। बावजूद डीजल 74.38 रूपये और पेट्रोल 84.20 रूपये प्रति लीटर की कीमत में बेचा जा रहा है। यह कीमत पिछले 73 सालों में सबसे अधिक है।

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार देश दोराहे पर खडा है।

सोनिया गांधी का यह बयान देश में बेतहाशा बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बाद आया है। कांग्रेस कार्यालय की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सोनिया गांधी ने मोदी सरकार की मंहगाई पर प्रहार करते हुए कहा है, ” एक ओर अन्नदाता 44 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज मांगो के समर्थन में डटे हैं वही देश की निरंकुश, संवेदनहीन, निष्ठुर BJP सरकार गरीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोडने में जुटी है।”

उन्होंने आरोप लगाया है कि कोरोना की चौतफा मार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार अपना खजाना भरने के लिए आपदा को अवसर के रूप में इस्तेमाल कर रही है।

सोनिया गांधी ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 50.96 डॉलर प्रति बैरल है यानी एक लीटर कच्चे तेल की कीमत मात्र 23.43 रूपये प्रति लीटर है।  बावजूद इसके सरकार डीजल 74.38 रूपये और पेट्रोल 84.20 रूपये प्रति लीटर की कीमत में बेच रही है। यह कीमत पीछले 73 सालों में सबसे अधिक है।

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उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम होने के बावजूद सरकार ने इसका लाभ आम उपभोक्ता को देने के बाजाय एक्साइज ड्यूटी में बेतहासा बृद्धि करके मुनाफा वसूली के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले छह सालों में मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा 19,00,000 करोड़ रूपये आम जनता की जेब से वसूले हैं।

कांग्रेस अध्यक्षा ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने गैस सिलेंडर की कीमतों में भी बेतहासा बृद्धि कर हर घर का बजट बिगाड़ दिया है।
सोनिया गांधी सरकार से कच्चे तेल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी को कम कर आम जनता राहते देने की मांग की है। उन्होंने कहा , ” मैं सरकार से मांग करती हूं कि वह पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी की दरें यूपीए शासन के कार्यकाल के दरों के बराबर कर मंहगाई की मार से बेहाल जनता को राहत प्रदान करे “।

उन्होंने यह भी मांग कि हैं कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को भी तत्काल रद्द कर किसानों की सभी मांगे पूरी करे।

First Published on: January 7, 2021 6:41 PM
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