विदेश मंत्री एस जयशंकर का संसद में जवाब-‘नई बात नहीं, यह सालों से होता आ रहा’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिपोर्टेशन एक सामान्य प्रक्रिया है। 2009 में 734 लोगों को डिपोर्ट किया गया था। यह सभी देशों की जिम्मेदारी है कि अगर उनका कोई नागरिक किसी देश में अवैध तरीके से रह रहा है तो उसको वापस लें।

अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों के डिपोर्टेशन (निर्वासन) के मामले पर गुरुवार (6 फरवरी) को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में जवाब दिया। राज्यसभा में उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, ऐसा सालों से होता आ रहा है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिपोर्टेशन एक सामान्य प्रक्रिया है। 2009 में 734 लोगों को डिपोर्ट किया गया था। यह सभी देशों की जिम्मेदारी है कि अगर उनका कोई नागरिक किसी देश में अवैध तरीके से रह रहा है तो उसको वापस लें। यह दुनिया भर के सभी देश स्वीकार कर चुके हैं। प्रत्यर्पण की यह कार्रवाई कोई नई नहीं है, यह सालों से चलती आ रही है। अमेरिका से हम संपर्क में हैं कि किसी भी डिपार्टेड भारतीय के साथ दुर्व्यवहार न हो।’

एस जयशंकर ने कहा, ‘104 लोग वापस आ रहे हैं, ये हमारी जानकारी में था। काउंसलर एक्सेस तभी दिया जा सकता है, जब भारतीय नागरिक इसके लिए रिक्वेस्ट करें। जो लोग वापस आए हैं, उनसे अधिकारी ये जानने की कोशिश करेंगे कि वे कैसे बाहर गए, संवेदशीलता के साथ ये देखेंगे कि ऐसी प्रैक्टिस पर कैसे रोक लगाई जा सके।’

सैन्य वाहन के जरिए डिपोर्टेशन के सवाल पर एस जयशंकर बोले कि मिलिट्री एयरक्राफ्ट हो या चार्टर एयरक्राफ्ट हो, प्रोसेस एक ही होता है।

विपक्षी सांसदों की ओर से उठाए सवालों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 104 भारतीयों को वापस भेजने की जानकारी हमें थी। अथॉरिटीज को हमने निर्देश दिए हैं कि वे हर एक रिटर्नी से बैठकर बात करें कि वे कैसे अमेरिका गए।

डिपोर्टेशन की प्रक्रिया देखें तो मिलिट्री एयरक्राफ्ट हो या चार्टर्ड प्लेन हो, प्रक्रिया वही होती है। वहीं एक मनोज झा के सवाल पर जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि एडवांस नोटिस दिया गया था। प्रॉपर्टी का सवाल है तो उनके पास नहीं थी।उनके पास कुछ भी होगा तो हम उसे देखेंगे।

First Published on: February 6, 2025 2:56 PM
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