विदेश मंत्री ने कहा, भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा। कहा कि दोनों देशों के लिए एक ‘‘समझौते’’ पर पहुंचना महत्वपूर्ण है और यह केवल उनके लिए अहम नहीं है बल्कि दुनिया के लिए भी यह मायने रखता है।

विदेश मंत्री ने अपनी पुस्तक के विमोचन के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, मुझे यह भी जानकारी है कि आपके पास वहीं स्थिति है जो हमारे पास पश्चिमी क्षेत्र (लद्दाख के पार) के सीमा क्षेत्रों में है। क्योंकि हमारा लंबे समय से दृष्टिकोण रहा हैं, वहां हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है, हमारी चीन के साथ सहमति और समझ हैं। दोनों पक्षों द्वारा किए गए समझौतों और समझ को बारीकी से देखा जाना चाहिए।

गौरतलब है कि गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़पों में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे, जबकि इसके दो गुने से ज्यादा चीनी सैनिक हताहत हुए। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दो सभ्य देश हैं जो चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रवेश करने जा रहे हैं।

ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक, शंघाई सहयोग संगठन की बैठक और क्वाड समूह की प्रस्तावित बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि क्वाड बैठक पर चर्चा चल रही है और अभी इस पर निर्णय नहीं लिया गया है कि वह कब और कहां आयोजित की जायेगी।

जब उनसे पूछा गया कि वह इन बैठकों में से किसी में अपने चीनी समकक्ष से मिलेंगे तो वह उनसे क्या कहेंगे, तो जयशंकर ने कहा, ‘‘जब मैं उनसे मिलूंगा तो मैं अपने चीनी सहयोगी से बात करूंगा। हम एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं इसलिए आप एक उचित अनुमान लगा सकते हैं।’’

First Published on: September 4, 2020 12:33 PM
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