नई दिल्ली। नेत्र चिकित्सा केंद्रों में कोविड-19 के प्रसार को कम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा निर्देश जारी किए हैं जिनमें दूरसंचार माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श और आवश्यकता पड़ने पर पहले से समय लेकर चिकित्सक के पास जाने को प्रोत्साहित करना शामिल है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों में नेत्र चिकित्सा केंद्र बंद रहेंगे।
नेत्र चिकित्सा के दौरान डॉक्टर द्वारा मरीज का नजदीक से परीक्षण किया जाता है, इसे ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने कहा कि दिशा निर्देश यह ध्यान में रखकर बनाए गए हैं कि आंखों की उपचार प्रक्रिया से जुड़े डॉक्टरों और अन्य सहायकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों में कोविड-19 के प्रसार की संभावना न्यूनतम की जा सके।
‘कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में सुरक्षित नेत्र चिकित्सा प्रक्रिया दिशा निर्देश’ के अनुसार नर्स या पैरामेडिकल कर्मचारी द्वारा मरीज की आंखों में दवा की बूंदें बिना स्पर्श की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डाली जानी चाहिए।
मरीज को अपने हाथों से आंखें खोलने को कहा जाए या स्वैब स्टिक की सहायता से खोली जाए।
दिशा निर्देश के अनुसार सर्जरी से पहले कोरोना वायरस संक्रमण जांच बाध्यकारी नहीं है लेकिन मरीज की बीमारी के पूरे इतिहास की जानकारी कर लेनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके संक्रमित होने की आशंका न्यूनतम है।
संक्रमण की पुष्टि या संदेह होने पर मरीज की सर्जरी नहीं की जानी चाहिए।
दिशा निर्देश के अनुसार दूरसंचार माध्यम से परामर्श और पहले से समय लेकर डॉक्टर के पास जाने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि चिकित्सा केंद्र पर भीड़भाड़ से बचा जा सके।