नई दिल्ली। करीब 100 से अधिक दिनों से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ किसान धरना दे रहे हैं। भाकियू के राकेश टिकट इस समय इस किसान आंदोलन का मुख्य चेहरा बने हुए हैं और नए कृषि कानून और सरकार के खिलाफ यूपी ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में जाकर महापंचायत कर रहे हैं। इस दौरान हरियाणा की छात्रा ने टिकैत से एक-दो तीखे सवाल क्या कर पूछ लिया, मंच पर टिकैत के समर्थक नाराज हो गए और छात्रा की हाथ से माइक छीन लिया। अब इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
ढांसा बार्डर पर मंच पर गई हरियाणा की छात्रा ने कहा कि मैं राकेश टिकैत जी से सवाल करना चाहती हूं कि इस समस्या (किसान आंदोलन) का समाधान मिले जिससे देश का युवा भी परेशान ना हो और किसान भी परेशान ना हो। अगर आप भी अड़े रहे, सरकार भी अड़ी रही तो बता दीजिए इसका अंत कहां होगा। इसके बाद छात्रा ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसक घटना का जिक्र करते हुए ये कहा कि इस घटना में आप लोगों का हाथ था या नहीं, इस सवाल के बाद ही छात्रा से माइक छीन लिया गया।
शुक्रवार को राकेश टिकैत ढांसा बार्डर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने पहुंचे थे। इसी दौरान हरियाणा से आई एक छात्रा मंच पर गई और कुछ बोलने की इच्छा जाहिर की। मंच पर मौजूद लोगों ने छात्रा को माइक दे दिया। छात्रा ने राकेश टिकैत से पूछा कि अगर प्रदर्शनकारी और सरकार अपने रुख पर अड़े रहे तो यह धरना प्रदर्शन कहां तक जाएगा आखिर यह खत्म कब होगा। आखिर समस्या का हल कैसे निकलेगा। छात्रा के सवालों का जवाब टिकैत नहीं दे पाए। मंच पर बैठे प्रदर्शनकारी छात्रा से माइक छीन लिए और उसका नाम, पता पूछने लगे।
छात्रा के राकेश टिकैत से पूछे गए प्रश्न के बाद उसे सम्मानित करने की भी ख़बरें सामने आ रही हैं। बताया जाता है कि हरियाणा की छात्रा से माइक छीनने की घटना का निलौठी में चल रहे धरने में विरोध किया गया है। दरअसल,भूमि अधिग्रहण के मसले पर निलौठी में पांच राज्यों के किसानों का संविधान सत्याग्रह आंदोलन के तहत 51 दिन से धरना चल रहा है। इस धरने में शामिल लोगों ने एक सुर में राकेश टिकैत की कड़ी निंदा की और छात्रा को सम्मानित करने का फैसला किया है।
बता दें कि पिछले साल नवंबर में शरू हुए किसान आंदोलन के अब 100 दिन पूरे हो गए हैं। दिल्ली सीमा के पांच जगहों पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चल रहा है। भाकियू के नेता राकेश टिकैत लगातार दूसरे कई राज्यों में किसानों की महापंचायत कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। गर्मी को देखते हुए किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर इससे बचने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद ऐसा लगने लगा था कि शायद किसान आंदोलन ख़त्म हो जाए। ये अंदेशा कुछ हद तक साफ़ भी हुआ जब संयुक्त किसान मोर्चा से किसानों के एक गुट ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया था। इसके बाद जब किसान नेता राकेश टिकैत भावुक होकर रोने लगे, उसके बाद ये आंदोलन फिर से रफ़्तार पकड़ लिया।