संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को विश्व की सबसे ताकतवर संस्थाओं में से एक माना जाता है। इसका मुख्य कार्य वैश्विक शांति और सुरक्षा बनाए रखना है। इसमें कुल 15 सदस्य होते हैं, जिनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य शामिल होते हैं। इस परिषद की अध्यक्षता हर महीने बदलती रहती है और यह अध्यक्षता सभी सदस्य देशों को अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम से दी जाती है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या भारत भी कभी इस प्रतिष्ठित UNSC की अध्यक्षता कर चुका है? जवाब है हां, कई बार। चलिए, जानते हैं कि भारत कितनी बार सदस्य रह चुका है।
भारत ने अब तक कुल आठ बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की है। चूंकि यह अध्यक्षता स्थायी नहीं होती, बल्कि एक मासिक रोटेशन सिस्टम पर आधारित होती है, इसलिए जब भी भारत अस्थायी सदस्य के रूप में परिषद में शामिल हुआ है, उसे एक या एक से अधिक बार अध्यक्षता करने का अवसर मिला है।
भारत अब तक 8 बार अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद का हिस्सा बन चुका है 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92, 2011-12 और 2021-22। अस्थायी सदस्य को दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। अध्यक्षता हर महीने बदलती है और यह रोटेशनल आधार पर होती है। यानी हर सदस्य एक-एक महीने के लिए अध्यक्ष बनता है।
भारत न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है बल्कि कई बार उसकी अध्यक्षता भी कर चुका है। हर बार इस पद पर रहते हुए भारत ने वैश्विक स्तर पर शांति, सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी भूमिका निभाई है। भारत ने हर बार सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष रहते हुए संयमित और संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है। चाहे बात कोरियाई युद्ध के दौरान की हो या अफ्रीका में रंगभेद की समस्या की भारत ने अंतरराष्ट्रीय शांति और न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अगस्त 2011 में भारत की अध्यक्षता के दौरान भी आतंकवाद, अफ्रीका में हो रही हिंसा और पश्चिम एशिया के मुद्दों पर कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई थी। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए वैश्विक एकजुटता की मांग की थी। अगस्त 2021 में भारत जब सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी और यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता की थी।