स्वास्थ्य मंत्रालय का कोरोना से उच्च मृत्यु दर वाले राज्यों पर ख़ास नज़र

कोविड-19महामारी के प्रभावी नियंत्रण और प्रबंधन के लिए केंद्र-राज्य समन्वित रणनीति के तहत कोविड-19से होने वाली मौतों का कारण जानने और ऐसी घटनाओं को कम करने के प्रयासों के तहत इन जिलों और उनके राज्य प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा आज एक उच्च स्तरीय वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की गई।

नई दिल्ली। देश-विदेश कोविड-19 से प्रभावित है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में इस महामारी का प्रकोप बहुत ज्यादा है। भारत के चार राज्यों के ऐसे 16 जिले हैं जहां कोरोना से मरने वालों की संख्या अधिक है। जिसमें गुजरात में अहमदाबाद और सूरत; कर्नाटक में बेलगावी, बेंगलुरु शहरी, कलबुर्गी और उडुपी; तमिलनाडु में चेन्नई, कांचीपुरम, रानीपेट, तेनी, तिरुवल्लुर, तिरुचिरापल्ली, तूतीकोरिन और विरुधनगर तथा तेलंगाना में हैदराबाद और मेडचलमलकाजगिरी शामिल हैं। इन जिलों में कोविड मृत्यु दर अधिक होने के साथ ही प्रति दस लाख आबादी पर जांच की संख्या भी कम है और यहां कोविड के रोजना सामने आने वाले पुष्ट मामलों की संख्या भी ज्यादा है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय कोविड संक्रमण की उच्च मृत्यु दर वाले जिलों के साथ लगातार समन्वय बनाए हुए है। उन्होंने संक्रमण से होने वाली मौतों को रोकने और कम करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी सलाह और दिशानिर्देशों के तहत सुझाए गए उपायों का पालन करने की सलाह दी राष्ट्रीय और राज्यों के औसत से अधिक कोविड मृत्यु दर वाले जिले चिंता का कारण बने हुए हैं। ऐसे में कोविड-19 महामारी के प्रभावी नियंत्रण और प्रबंधन के लिए केंद्र-राज्य समन्वित रणनीति के तहत कोविड-19 से होने वाली मौतों का कारण जानने और ऐसी घटनाओं को कम करने के प्रयासों के तहत इन जिलों और उनके राज्य प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक उच्च स्तरीय वर्चुअल बैठक की।    

बैठक में चार राज्यों के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) और प्रबंध निदेशक (एनएचएम) के साथ-साथ जिला निगरानी अधिकारियों, जिला कलेक्टरों, नगर निगम के आयुक्तों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा अधीक्षकों ने भाग लिया। जिलों से कहा गया है कि वह सीओवीआईडी-19 के रोगियों और अन्य लोगों विशेषकर रुग्णता, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चों के बीच होने वाली मौतों को रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श, दिशानिर्देश और नैदानिक उपचार प्रोटोकॉल के अनुपालन और क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें।

स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार जारी रखने के दृष्टिकोण तथा ईमानदारी से किए गए नियंत्रण और निगरानी के प्रयासों से मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलती है। इसलिए राज्यों को सलाह दी गई कि वे परीक्षण प्रयोगशालाओं का उनकी क्षमता के हिसाब से अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें, प्रति दस लाख आबादी पर जांच की संख्या बढ़ाएं और समय पर उपचार तथा एंबुलेंस सेवाएं सुनिश्तिच कर सक्रिय मामलों का प्रतिशत कम करें। 

राज्यों को अनुमानित बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता और आवश्यकता का विश्लेषण करने और समय पर योजना बनाने की सलाह दी गई। उन्हें यह बताया गया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए  संक्रमण की बेहतर रोकथाम और नियंत्रण को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। कोविड-19 संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशानिर्देशों और परामर्शों पर सभी प्रामाणिक और अद्यतन जानकारी को नियमित रूप से अपडेट  

First Published on: August 13, 2020 1:56 PM
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