कर्नाटक के स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक के खिलाफ दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने कहा कि उचित समय पर हम इस अर्जी पर सुनवाई करेंगे। इसके साथ ही अदालत ने अर्जी दाखिल करने वालों को नसीहत दी है कि वे इस मामले को ज्यादा बड़े लेवल पर न फैलाएं।
हिजाब विवाद पर कर्नाटक से लेकर दिल्ली और महाराष्ट्र तक में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने की छूट देने की मांग को देश तोड़ने का प्रयास बताया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कुछ खास वर्ग के लोगों ने देश का कानून तय करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘प्रान्त और धर्म के नाम पर देश को कोने-कोने से तोड़ने का प्रयास प्रतिदिन किया जा रहा है।’
प्रान्त और धर्म के नाम पर देश को कोने-कोने से तोड़ने का प्रयास प्रतिदिन किया जा रहा है।
हालात ऐसे बनाए जा रहे हैं कि समान नागरिक संहिता (uniform civil code) समय की मांग बन गई है।
अब कुछ खास वर्ग के लोग ने देश का कानून तय करना शुरू कर दिया है।— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 11, 2022
बता दें कि केंद्र सरकार चला रही भाजपा पहले भी कई बार देश में समान नागरिक संहिता की मांग कर चुकी है। गिरिराज सिंह के इस बयान से साफ है कि आने वाले दिनों में हिजाब का मुद्दा तूल पकड़ सकता है।
इस बीच कर्नाटक कांग्रेस के नेता सीएम इब्राहिम ने कहा कि यदि लड़कियां सिर ढक लेती हैं तो फिर परेशानी क्या है। आखिर सरकार यह क्यों चाहती है कि लड़कियां कपड़े कम पहनें। उन्होंने कहा कि आप राजस्थान के राजपूतों को देखें या फिर साउथ इंडिया में जाएं तो वहां देखेंगे कि महिलाएं सिर पर पल्लू डालती हैं। उन्होंने कहा कि यह विवाद गलत है और भाजपा की ओर से शुरू किया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि देवी लक्ष्मी के सिर पर भी पल्लू नजर आता है। लेकिन भाजपा महिलाओं को अपने मुताबिक रखना चाहती है। उनकी आजादी पर हमला कर रही है।