
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (14 जनवरी ) को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने आईएमडी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि IMD भारत की वैज्ञानिक यात्रा का प्रतीक है। इसने 150 सालों तक करोड़ों भारतीयों की सेवा की है।
IMD की 150 वर्षों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से एक डाक टिकट और विशेष सिक्का भी जारी किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मिशन मौसम’ का उद्देश्य एक टिकाऊ भविष्य (sustainable future) सुनिश्चित करना और आपदा प्रबंधन में भविष्य की तैयारियों (future readiness) को मजबूत करना है। यह मिशन भारत की जलवायु प्रबंधन में अग्रणी भूमिका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक सहयोग को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि IMD ने नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को बाढ़ मार्गदर्शन सिस्टम के जरिए सहायता प्रदान की है। किसी भी आपदा की स्थिति में भारत सबसे पहले मदद के लिए पहुंचता है, जिससे विश्व में भारत को लेकर भरोसा और बढ़ा है। दुनिया में विश्व बंधु के रूप में भारत की छवि पहले से और भी मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा कि IMD ने युवाओं को मौसम विज्ञान के प्रति जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय मौसम विज्ञान ओलंपियाड का आयोजन किया। हजारों छात्रों ने इसमें भाग लिया, जिससे युवाओं में इस क्षेत्र के प्रति रुचि बढ़ी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि IMD ने न केवल भारत में बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में आधुनिक विज्ञान और तकनीक की एक मजबूत पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि IMD ने भारत की आपदा प्रबंधन क्षमता को बेहतर किया है, जिससे न केवल भारतीय नागरिकों को बल्कि दुनिया भर के देशों को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने IMD को टिकाऊ विकास और वैज्ञानिक अनुसंधान में अपनी भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने का आह्वान किया।