सीमा पर तनाव करने के लिए भारत-चीन के बीच कूटनीतिक वार्ता

दोनों पक्षों ने जून में पहली कूटनीतिक वार्ता की। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बिंदुओं से ‘‘हटने’’ पर चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच बनी ‘‘आपसी सहमति’’के दो दिन बाद यह वार्ता हो रही है।

नई दिल्ली। लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव कम करने के तौर-तरीकों को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये भारत-चीन के बीच कूटनीतिक वार्ता शुरू हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वू जियांगहो के बीच यह वार्ता हो रही है।

दोनों पक्षों ने जून में पहली कूटनीतिक वार्ता की। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बिंदुओं से ‘‘हटने’’ पर चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच बनी ‘‘आपसी सहमति’’के दो दिन बाद यह वार्ता हो रही है।
लद्दाख में चीन के साथ चरम तनाव के बीच अब भारत कई मोर्चे पर सक्रिय हो चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर गए। भारत ड्रैगन को आर्थिक से लेकर सामरिक तरीके से घेरने की रणनीति बना रहा है। इसी क्रम में भारत अपने पुराने दोस्त रूस से ऐंटी मिसाइल सिस्टम S-400 को जल्दी से पाने की कोशिशों में जुट गया है। 

भारत ने रूस के साथ 2018 में 5 अरब डॉलर से ज्यादा की कीमत वाला यह समझौता किया था। कोविड-19 महामारी के कारण इस सिस्टम की आपूर्ति में देरी हो रही है। इसे अब दिसंबर 2021 तक मिलने की बात कही जा रही है। पर नई दिल्ली इस सिस्टम की जल्दी से जल्दी आपूर्ति चाहता है। इन सबके बीच, भारत ने सेना को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया है और तमाम रक्षा तैयारियां पूरी करने का आदेश दिया गया है।

First Published on: June 24, 2020 6:20 PM
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