भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध: राजनाथ सिंह

राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय द्वारा आयोजित डिजिटल संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘बहरहाल, भारत एकपक्षवाद और आक्रामकता से अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’’

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ‘एकपक्षवाद और आक्रामकता’ से अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सिंह का यह बयान पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ सात महीने से जारी गतिरोध के बीच आया है।

रक्षामंत्री ने साथ ही कहा कि भारत संवाद से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान को महत्व देता है और सीमा पर शांति कायम रखने से जुड़े विभिन्न समझौतों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय द्वारा आयोजित डिजिटल संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘बहरहाल, भारत एकपक्षवाद और आक्रामकता से अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’’

उन्होंने कहा कि भारत शांतिप्रिय देश है और उसका मानना है कि मतभेद, विवाद में तब्दील नहीं होने चाहिए।

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की शुरुआत छह मई को हुई और इससे दोनों देशों के रिश्ते काफी प्रभावित हुए हैं। दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत कर चुके हैं। अबतक गतिरोध का समाधान नहीं निकला है।

भारत और चीन के बीच आठवें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता शुक्रवार को होने की उम्मीद है।

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में भारत की सैन्य शक्ति बढ़ाने और रक्षा क्षेत्र के साजो-सामान का घरेलू स्तर पर उत्पादन के लिए उठाए जा रहे कदमों का भी उल्लेख किया।

सिंह ने कहा, ‘‘ युद्ध रोकने की प्रतिरोधी क्षमता हासिल कर के ही शांति सुनिश्चित की जा सकती है। हमने क्षमता विकास और स्वदेशीकरण के साथ प्रतिरोधी क्षमता निर्माण करने की कोशिश की है।’’

रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के बारे में कहा कि वह आतंकवाद को राजकीय नीति के तौर पर इस्तेमाल करने पर ‘आमादा’ है।

 

First Published on: November 5, 2020 3:11 PM
Exit mobile version