बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों में हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
ऐसे थे हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री जो सभी के साथ कदम से कदम मिला के चलने की बात किया करते थे। सबके प्यारे सबके आदरणीय जो सबके चहेते रहें। अटल बिहारी वाजपेयी भारत में राजनीति के सबसे उदारवादी शख्सियतों में शुमार हैं। उन्होंने अपने जीवन काल में ढेरों कविताएं लिखीं। संसद से लेकर कई मंचों पर कविता का पाठ भी किया। सदन में विरोधियों को कविता के माध्यम से आक्रामक जवाब देने की उनकी कला के सभी कायल रहे हैं।
आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती है। इनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे। साल 1996 में वे पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे, हालांकि इस दौरान उनका कार्यकाल काफी छोटा यानी 13 दिनों का था। इसके बाद उनका दूसरा कार्यकाल 13 महीने का था और फिर 1999 में जब वह पीएम बने तो उन्होंने 2004 तक पांच साल का अपना कार्यकाल किया। अटल बिहारी वाजपेयी राजनेता बनने से पहले एक पत्रकार थे।
अटलजी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, प्रखर राजनीतिज्ञ, नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, कवि, साहित्यकार, पत्रकार और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के धनी थे। भाजपा में एक उदार चेहरे के रूप में उनकी पहचान थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि वाजपेयी के दूरदर्शी नेतृत्व ने देश को विकास की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। अपने दूरदर्शी नेतृत्व में उन्होंने देश को विकास की अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया। एक सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए उनके प्रयासों को सदैव स्मरण किया जाएगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। एक सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए उनके प्रयासों को सदैव स्मरण किया जाएगा।’’
आपको बता दें कि आजीवन अविवाहित रहे अटलजी को अटलजी को 2015 में सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया। इनके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार, सम्मान और उपाधियों से नवाजा गया।