गुवाहाटी । वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भाजपा पर असमिया भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में असम के लोग समाज को विभाजित करने और नफरत फैलाने की भाजपा की राजनीति को खारिज कर देंगे।
कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठे दो लोग असम के फैसले करते हैं।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘असम या कहीं और के फैसले दिल्ली में बैठे दो लोगों द्वारा किए जाते हैं। उनके लिए पार्टी अध्यक्ष या राज्य के नेताओं के पद का कोई मूल्य है। गुजराती आकाओं ने फैसला किया है कि मुख्यमंत्री कौन होगा और असम को कैसे चलाना चाहिए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि असम में भाजपा नीत सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं किया और “पिछले पांच वर्षों के लिए प्रदर्शन का स्कोर कार्ड” पेश करने में नाकाम रही।
कमलनाथ ने कहा, “पहले चरण के चुनाव के लिए भाजपा का अभियान नकारात्मक रहा है और उसने नफरत की राजनीति की बात की। कांग्रेस का मानना है कि हमें असम के लिए अपने सपनों को पूरा करने की खातिर काम करना चाहिए और अपनी दृष्टि को वास्तविकता में बदलना चाहिए।”
उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी राज्य के विकास के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘विकल्प स्पष्ट है। कांग्रेस अगले पांच साल और उससे आगे असम की विकास यात्रा में आपकी सहयोगी होगी।”
कमलनाथ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान 120 दिनों से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं लेकिन प्रधानमंत्री को उनसे बातचीत करने का समय नहीं है। कांग्रेस ने “पांच गारंटी” दी है जिनमें हर गृहिणी को 2,000 रुपये प्रति माह तथा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को रद्द करना शामिल है।
पार्टी ने पांच लाख सरकारी नौकरियां, सभी के लिए प्रति माह 200 यूनिट बिजली मुफ्त और चाय बागान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि का भी वादा किया है।