सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने देने के लिए खड़गे पर ‘एक परिवार का दबाव’ था: प्रह्लाद जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर शीतकालीन सत्र के दौरान सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने देने के लिए ‘एक परिवार का दबाव’ था।

नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर शीतकालीन सत्र के दौरान सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने देने के लिए ‘एक परिवार का दबाव’ था।

संसद का शीतकालीन सत्र अपन निर्धारित समय से एक दिन पहले ही बुधवार को समाप्त हो गया।

जोशी ने कहा कि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सरकार और विपक्ष के बीच बने गतिरोध को दूर करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने देने पर अडिग थे।

सरकार के दबाव में नायडू द्वारा दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को दूर करने की कोशिश नहीं करने की खबरों को खारिज करते हुए जोशी ने कहा कि खड़गे “सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने देने के लिए एक परिवार के दबाव में थे।’’

कुछ खबरों के अनुसार, खड़गे ने आरोप लगाया है कि 12 राज्यसभा सदस्यों के निलंबन को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच पैदा गतिरोध को सुलझाने की कोशिश नहीं करने का नायडू पर सरकार की ओर से दबाव था।

खड़गे की कथित टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए जोशी ने कहा, “यह वास्तविकता से काफी अलग है और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में कदाचार और अभद्र व्यवहार के लिए सभापति को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि सभापति ने कई मौकों पर सुझाव दिया कि मुद्दों के हल के लिए सरकार और विपक्ष एक साथ बैठें। उन्होंने कहा, “हमने कई बार विपक्षी नेताओं के साथ बैठक बुलायी लेकिन वे शामिल नहीं हुए।’’

जोशी ने कहा कि यह अलोकतांत्रिक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अपनी “गलतियों” के लिए सभापति को दोषी ठहराता है।

First Published on: December 24, 2021 9:10 AM
Exit mobile version