अमरावती/ नयी दिल्ली। खेतों को कृषि बाजारों से जोड़ने के लिए दक्षिण भारत से पहली ‘किसान रेल’ बुधवार को अनंतपुरमू से 322 टन ताजा फल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की प्रसिद्ध आजादपुर मंडी के लिए लेकर रवाना हुई।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने ‘किसान रेल’ को क्रमश: नयी दिल्ली और अमरावती से एक वीडियो लिंक के जरिये हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह देश की दूसरी ‘किसान रेल’ है। इस ट्रेन में 14 पार्सल वैन हैं और यह ट्रेन 40 घंटे में 2150 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी, अनंतपुरमू के सांसद टी रंगैया, दक्षिण मध्य रेलवे के महाप्रबंधक गजानन माल्या, अनंतपुरमू के जिला कलेक्टर जी. चंद्रुडू, गुंटकल रेल मंडल के प्रबंधक आलोक तिवारी और अन्य इस आयोजन में शामिल हुए।
‘किसान रेल’ किसानों, विशेष रूप से बागवानी फसलों को उगाने वालों के लिए एक वरदान के रूप में आयी है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि उपज जल्दी बाजारों तक पहुंचे।
तोमर ने उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, ‘‘अनंतपुरमू में दो लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फल और सब्जी उगायी जाती है और ‘किसान रेल’ इस क्षेत्र के किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी। किसान उड़ान सेवा भी जल्द शुरू की जाएगी।’’ गत सात अगस्त को पहली ‘किसान रेल’ महाराष्ट्र में देवलाली और बिहार में दानापुर के बीच साप्ताहिक सेवा के तौर पर चलायी गई थी। इसे बाद में मांग बढ़ने पर सप्ताह में दो बार कर दिया गया था।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तोमर ने आनलाइन कार्यक्रम में कहा कि ‘किसान रेल’ और ‘किसान उड़ान’ की इस वर्ष बजट में घोषणा की गई थी ताकि कृषि उपज को कम समय में पूरे देश में पहुंचाया जा सके।
तोमर ने आंध्र प्रदेश में नये कृषि अध्यादेश और एक लाख करोड़ रुपये के कृषि आधारभूत कोष लागू किये जाने की प्रशंसा की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि बागवानी राज्य में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है और राज्य टमाटर, नारियल, पपीता और मिर्च के उत्पादन में पहले स्थान पर है और आंध्र प्रदेश दक्षिण भारत में सबसे बड़ा फल उत्पादक राज्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 स्थिति के दौरान इस बागवानी उत्पाद का उत्तर भारत में परिवहन मुश्किल हो गया था। लॉकडाउन के दौरान अनंतपुरमू से मुंबई के बीच कई विशेष ट्रेनें चलाई गईं ताकि बागवानी उत्पाद देश के अन्य हिस्सों में पहुंच सके।’’
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, दूर के स्थानों तक कृषि उपज का परिवहन तेजी से करने में मदद के लिए ‘किसान रेल’ शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘परिवहन समय में कमी के कारण किसान अपनी उपज को कहीं भी बेच सकते हैं, जहां उन्हें उत्पाद के बिना खराब हुए, उसका बेहतर मूल्य मिलता है। यह सुविधा कृषि निर्यात बढ़ाने में भी मदद करेगी।’’
कलेक्टर चंद्रुडू ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘इससे किसानों को कई तरह से लाभ मिलेंगे। भारी मात्रा को एक ही बार में परिवहन किया जा सकता है, परिवहन समय कम होगा, लागत में कटौती होगी और परिवहन नुकसान भी कम होगा।’’
ट्रकों के माध्यम से परिवहन की मौजूदा व्यवस्था में, किसानों को फसल के बाद के लगभग 25 प्रतिशत नुकसान से प्रतिवर्ष करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।