लोंगेवाला युद्ध : जबरदस्त थी पाक की योजना पर भूल गई थी क्या कर सकता था जैसलमेर में तैनात हंटर

पाकिस्तान ने टैंकों के साथ हमला करने की पाकिस्तान सेना की योजना जबरदस्त थी लेकिन पाकिस्तानी फौज यह भूल गई कि जैसलमेर में तैनात हंटर विमानों का आधा स्क्वाड्रन क्या कर सकता है, और शायद यही उनकी "एकमात्र गलती" थी।

नई दिल्ली। लोंगेवाला की निर्णायक लड़ाई को याद करते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान ने टैंकों के साथ हमला करने की पाकिस्तान सेना की योजना ” जबरदस्त” थी लेकिन वह भारत की वायु ताकत को शायद भूल गए थे। भदौरिया ने कहा कि पाकिस्तानी फौज यह भूल गई कि जैसलमेर में तैनात हंटर विमानों का आधा स्क्वाड्रन क्या कर सकता है, और शायद यही उनकी “एकमात्र गलती” थी।

भारत 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। वायुसेना प्रमुख पालम में भारतीय वायुसेना के संग्रहालय में ” द एपिक बेटल ऑफ लोंगेवाला” के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह किताब एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) भरत कुमार ने लिखी है।

कार्यक्रम के मंच और कुर्सियां खुले मैदान के बीचो-बीच लगाई गई थीं। साथ में पाकिस्तानी सेना के क्षतिग्रस्त दो टी-59 टैंक और हंटर, कृषक और अन्य विमान वहां खड़े थे। इन विमानों ने लड़ाई के दौरान अहम भूमिका निभाई थी।

भदौरिया ने कहा कि लोंगेवाला की लड़ाई के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। लोंगेवाला-जैसलमेर के इलाके को देखते हुए पाकिस्तानी सेना की टैंकों के साथ हमला करने की योजना अपने आप में जबर्दस्त थी। उन्होंने कहा, अगर यह कामयाब हो जाती तो यह पश्चिमी मोर्चे पर और युद्ध के अंतिम परिणाम की दिशा ही बदल देती।

वायुसेना प्रमुख ने कहा, “पाकिस्तान की सेना ने शायद एक ही बात को भुला दिया, वह थी भारत की वायु शक्ति। उन्होंने सोचा कि जैसलमेर में तैनात हंटर विमानों का आधा स्क्वाड्रन क्या कर सकता है और शायद यही उनकी एक मात्र गलती थी।”

उन्होंने कहा कि लोंगेवाला की लड़ाई एक परिदृश्य पर प्रकाश डालती है कि यदि समय और स्थान को सही ढंग से चुना जाए तो वायु शक्ति असीमित परिणाम ला सकती है। भदौरिया ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि बहादुरी की कहानियों को किताबों में संजोया जाए और अगली पीढ़ी को बताया जाए।

First Published on: February 18, 2021 3:38 PM
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