
अहमदाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि देश के लोगों को आज के दिन संविधान की प्रस्तावना पढ़नी चाहिए क्योंकि उसमें बताया गया है कि “नागरिक के तौर पर हमें अपने देश को कहां लेकर जाना चाहिए।”
भागवत तीन दिवसीय दौरे पर अहमदाबाद में हैं। उन्होंने यहां मणिनगर में प्रांतीय संघ मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “सभी देशवासियों को संविधान की प्रस्तावना पढ़नी चाहिए क्योंकि उसमें बताया गया है कि नागरिक के तौर पर हमें देश को कहां लेकर जाना है।”
भागवत ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर जब हम अपने झंडे को सलामी देते हैं तो राष्ट्रगान से हमारी आंखों के सामने देश की एक तस्वीर बनती है। उन्होंने कहा, “जब हम जन गण मन गाते हैं तो तो पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के दृश्य और उसकी (राष्ट्र) सीमाएं आंखों के सामने उभरती हैं।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्र गान विभिन्न नदियों और पर्वतों, निवासियों और भाषाओं के बारे में संकेत देता है और हमें भगवान के नाम पर जागृत होने की प्रेरणा देता है।
तिरंगे के महत्व को बताते हुए भागवत ने कहा, “हम इन तीन रंगों को अपने सामने रखकर देश को आगे ले जा सकते हैं।” भागवत ने कहा, “केसरिया रंग अग्नि से प्रेरित है और यह समावेश का रंग है क्योंकि अग्नि सब कुछ अपने में समेट लेती है। यह त्याग और कर्म का रंग है।”
उन्होंने कहा कि झंडे में सफेद रंग का अर्थ है कि हमें देश की सेवा करने के लिए ऐसा चरित्र चाहिए जिस पर दाग न लगा हो। भागवत ने कहा, “हरा रंग लक्ष्मी का रंग है जिसका अर्थ है कि देश में समृद्धि हो और किसी कोई भोजन जैसी आवश्यकता से भी वंचित न रहना पड़े।”