फर्जी खबरों पर मुंबई पुलिस का आदेश वैध : महाराष्ट्र सरकार

मुंबई पुलिस के एक आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर जो भी गलत और फर्जी सूचना का प्रसार करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया ग्रुप पर फर्जी या गलत संदेश का प्रसार करने पर ग्रुप के एडमिन को निजी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

मुंबई। सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें (फेक न्यूज) फैलाने को लेकर मुंबई पुलिस के एक आदेश को उचित ठहराते हुए महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि लोक व्यवस्था कायम रखने के लिए वाजिब पाबंदियां लगाई जा सकती हैं।

मुख्य न्यायधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अमजद सईद की खंडपीठ शुक्रवार को दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें 23 मई को पुलिस उपायुक्त (अभियान) की ओर से जारी एक आदेश की वैधता को चुनौती दी गई है। 

आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर जो भी गलत और फर्जी सूचना का प्रसार करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया ग्रुप पर फर्जी या गलत संदेश का प्रसार करने पर ग्रुप के एडमिन को निजी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

वकील शेषनाथ मिश्रा और स्वतंत्र पत्रकार तथा फ्री स्पीच कोलेक्टिव नाम के एनजीओ की सह संस्थापक गीता सेशु द्वारा दायर याचिकओं के अनुसार, यह आदेश भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत दिए गए नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करता है।

महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने सरकार की तरफ से पेश होते हुए दलील दी कि यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के मद्देनजर पूरी तरह से कानूनी है जो सरकार को लोक व्यवस्था के हित में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर वाजिब पाबंदियां लगाने का हक देता है। अदालत ने कहा कि विषय पर गौर करने की जरूरत है और आदेश को पढ़ने से पता चलता है कि यह आठ जून 2020 तक ही प्रभावी है। अदालत ने सरकार को तीन हफ्तों में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

First Published on: June 6, 2020 2:33 PM
Exit mobile version