नई दिल्ली। जेल आधुनिकीकरण परियोजना के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को जिम्मेदारी सौंपी है। एनसीआरबी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर जेलों में आधुनिक सुरक्षा उपकरणों की तैनाती और उच्च सुरक्षा जेलों की स्थापना के लिए जिम्मेदार होगा। गृह मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिखे पत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य स्तर पर एक उप एजेंसी नामित करने को भी कहा है, जो जेलों के आधुनिकीकरण परियोजना को लागू करने के लिए एनसीआरबी के साथ समन्वय करेगी। गृह मंत्रालय ने पत्र में ये भी कहा है कि उप एजेंसी को केनरा बैंक के साथ एक बैंक खाता खोलना होगा और एनसीआरबी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) पर नामित उप एजेंसी को मैप करेगा और राज्यों को धन जारी करेगा।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय धन का उपयोग आधुनिक सुरक्षा उपकरण स्थापित करने, कैदियों के सुधार की सुविधा बढ़ाने और उच्च सुरक्षा जेलों की स्थापना के लिए किया जाएगा। पत्र में मंत्रालय ने उन राज्यों से कहा कि जिन्हें पहले ही पैसे की पहली किश्त मिल चुकी है, वो एनसीआरबी को पैसा वापस करेगा और नए मानदंडों के अनुसार धन फिर से आवंटित किया जाएगा।
दरअसल अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2021-22 से शुरू होकर पांच साल की अवधि के लिए जेलों के आधुनिकीकरण के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना की घोषणा की थी। गौरतलब है कि जेल राज्य का विषय है और जेलों का प्रबंधन और प्रशासन विशेष रूप से राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है।