देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज पर हो रहे नए खुलासे ने दिल्ली
पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़ा कर दिए हैं। मरकज के अधिकारियों के अनुसार
जब देश में लॉक डाउन किया गया था उस समय मरकज में करीब 1500 से 2000 लोग मौजूद थे
और उस बीच लॉक डाउन में फंसने के कारण यहां के जिम्मेदारों ने यहां से लोगों को
हटाने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन से हर मदद मांगी फिर भी नाही दिल्ली पुलिस और
नाही दिल्ली सरकार ने इनकी कोई मदद की और जब यहां से कोरोना के कई नये मरिज पहचाने
गए हैं तो मरकज पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
इन सभी आरोपों के बीच मरकज ने एक प्रेस विज्ञत्ति और खत जारी कर इन सभी मामले को जनता के सामाने रख दिया है। इसमें मरकज ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिख कर कुछ गाड़ियों के लिए पास मांगा था, ताकि लॉकडाउन और पाबंदियों के बीच लोगों को वहां से निकाला जा सके, लेकिन दिल्ली पुलिस और प्रशासन नहीं वहां से लोगों को निकालने के लिए किसी प्रकार के साधन की व्यवस्था नहीं की। उन्हें निकालने के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया था। इन वाहनों की लिस्ट दिल्ली पुलिस को दी गई थी, ताकि वाहन पास मिल पाएं। मरकज की ओर से 25 मार्च को पुलिस-प्रशासन को चिट्ठी लिखी गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। 23 मार्च को जब 21 दिनों का लॉकडाउन शुरू हुआ तो प्रशासन को इस बात की जानकारी थी कि इस मरकज में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद हैं, इसके बावजूद इन्हें निकालने का प्रबंध ना हो पाना कई तरह के सवाल खड़े करता है। बता दें कि लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों और जरूरी सामान वालों के लिए दिल्ली सरकार की ओर से विशेष पास मुहैया कराए जा रहे थे, ताकि लोग लॉकडाउन के बावजूद सफर कर सकें, लेकिन फिर भी मरकज के लोगों के लिए दिल्ली सरकार और पुलिस की तरफ से किसी प्रकार का इंतजाम नहीं किया गया। तबलीगी जमात के मरकज की ओर से दिल्ली पुलिस को लिखी चिट्ठी में बताया गया है कि 23 मार्च को 1500 लोगों को मरकज से रवाना किया गया था। हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि इनमें कितने लोग कोरोना पीड़ित थे या फिर संदिग्ध थे
वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक, इस मरकज में 1500 से 1700 के करीब लोग मौजूद थे। इनमें से अबतक 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि करीब 300 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 700 से अधिक लोगों को क्वारनटीन किया गया है, ताकि कोरोना वायरस के फैलने को खतरे को कम किया जा सके। गौरतलब है कि इसी मरकज से वापस तेलंगाना लौटे 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कश्मीर में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इनके अलावा यहां से लौटकर अंडमान-निकोबार पहुंचे 10 लोग अबतक कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।