नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के तहत डेटा निजता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ क्योंकि इसमें व्यक्ति की सहमति से स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों का समुचित उपयोग किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनडीएचएम का शुरुआती चरण अंडमान निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में कार्यान्वित किया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि 21 जनवरी की स्थिति के अनुसार, 6,30,478 स्वास्थ्य पहचान पत्र तैयार किए जा चुके हैं। इसके लिए लाभार्थियों का चयन विभिन्न नियमों और सरकार की नीतियों के पालन के आधार पर किया जाता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या एक बाहरी कंपनी के पास आंकड़े संग्रहित करने से भारतीय नागरिकों की निजता का उल्लंघन हुआ, चौबे ने बताया कि 2019 में भारत सरकार द्वारा जारी नेशनल डिजिटल हेल्थ ब्लूप्रिंट में सुझाये गये तरीकों का पालन करते हुए आंकड़े पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।
उन्होंने बताया कि मेडिकल रिकॉर्ड का कोई केंद्रीकृत डेटाबेस नहीं है, हालांकि व्यक्ति की सहमति से ही उसके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एनडीएचएम के तहत उसके आंकड़ों का समुचित उपयोग किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री चौबे ने बताया कि डेटा सुरक्षा और निजता को सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।