पुलिस चार्जशीट में खुलासा- ट्रंप दौरे के दौरान उमर खालिद ने रची दिल्ली दंगे की साजिश

इसी साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हो गए थे।

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फरवरी में भारत दौरे से पहले ही दिल्ली दंगे की साजिश की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने दिल्ली दंगों को हवा देने की साजिश रची थी, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का विश्व स्तर पर प्रचार हो सके। इस बात का खुलासा पुलिस की 930 पन्नों की चार्जशीट में हुआ है।

इसी साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हो गए थे।

दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तर-पूर्व दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा के पीछे बड़ी साजिश होने के मामले में खालिद और जेएनयू छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप-पत्र रविवार को दाखिल किया गया, जिसके अनुसार खालिद एक साजिश के तहत 23 फरवरी को दिल्ली से पटना गया और 27 फरवरी को वापस लौटा।

आरोप लगाया गया कि खालिद ने अन्य आरोपी लोगों के साथ चांद बाग में एक कार्यालय में बैठक भी की थी। FIR में पुलिस ने दावा किया कि साम्प्रदायिक हिंसा एक ‘‘सोची समझी साजिश’’ थी, जिसे खालिद और दो अन्य लोगों ने अंजाम दिया।

पुलिस का आरोप है कि खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए थे और नागरिकों से अपील की थी कि वे ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और रास्ते जाम करें, ताकि भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा सके।

पुलिस का दावा है कि इस साजिश में, कई घरों में हथियार, पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर एकत्र किए गए थे। सह-आरोपी मोहम्मद दानिश को दंगों में शामिल करने के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर लोगों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ UAPA के तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया। उक्त पर, दंगे, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म, भाषा, जाति इत्यादि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने और अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

खालिद और इमाम फिलहाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। मुख्य आरोप पत्र सितंबर में पिंजरा तोड़ की सदस्यों तथा जेएनयू की छात्राओं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा के खिलाफ दायर किया गया था।

अन्य आरोपी जिनका आरोप पत्र में नाम है उनमें कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, मीरान हैदर और शिफाउर्रहमान, आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक ताहिर हुसैन, कार्यकर्ता खालिद सैफी, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान शामिल हैं।

First Published on: November 23, 2020 5:36 PM
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