नई दिल्ली। विजयाराजे सिंधिया की आज 101 वीं जयंती है। प्रधानमंत्री मोदी ने 100 रुपये के सिक्के का अनावरण किया। इस सिक्के का राजमाता की 101 वीं जयंती पर अनावरण करने की घोषणा पीएम मोदी ने रविवार को ट्विटर पर लिखा था, “12 अक्टूबर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती है। इस खास अवसर पर 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया जाएगा। यह उनके जन्मशताब्दी उत्सव का हिस्सा है और उनके महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देने का एक मौका।”
Tomorrow, 12th October is the Jayanti of Rajmata Vijaya Raje Scindia. On this special day, commemorative coin of Rs. 100 would be released at 11 AM. This is a part of her birth centenary celebrations and is yet another occasion to pay tributes to her great personality.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2020
आज (सोमवार ) को 11 बजे कोरोना की वजह से एक वर्चुअल समारोह के जरिए पीएम मोदी ने इस सिक्के को देश को समर्पित किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, ‘राजमाता सिंधिया ने अपना जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने साबित किया कि जन प्रतिनिधियों के लिए ‘राजसत्ता’ नहीं बल्कि ‘जन सेवा’ महत्वपूर्ण है।’
यह सिक्का विजया राजे सिंधिया के जन्म शताब्दी पर जारी किया गया। वहीं वीडियो कांफ्रेंस से आयोजित इस समारोह में सिंधिया परिवार के सदस्यों के साथ-साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपालों सहित देश के अन्य भागों से कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।
Tributes to #RajmataScindia on her Jayanti. https://t.co/UnITmCofMt
— Narendra Modi (@narendramodi) October 12, 2020
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई भाजपा नेताओं ने सोमवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया को उनकी जयंती पर याद करते हुए उन्हें विचारों और सिद्धांतों की अद्वितीय प्रतिमूर्ति बताया। शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘राजमाता सिंधिया जी ने अपने त्याग और राष्ट्रभक्ति से देश की राजनीति को नयी दिशा प्रदान की। राष्ट्र व विचारधारा के प्रति उनका समर्पण वंदनीय था। आपातकाल के समय लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्होंने अत्याचारी शासन की घोर यातनाएं सही। विचारों और सिद्धांतों की अद्वितीय प्रतिमूर्ति को नमन।’
राजमाता सिंधिया जी ने अपने त्याग और राष्ट्रभक्ति से देश की राजनीति को नयी दिशा प्रदान की। राष्ट्र व विचारधारा के प्रति उनका समर्पण वंदनीय था। आपातकाल के समय लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्होंने अत्याचारी शासन की घोर यातनाएँ सही। विचारों और सिद्धांतों की अद्वितीय प्रतिमूर्ति को नमन। pic.twitter.com/xkRgvxnfnU
— Amit Shah (@AmitShah) October 12, 2020
राजमाता की 101वीं जयंती पर जेपी नड्डा ने उन्हें हर नागरिक के लिए प्ररेणास्रोत बताया और ट्वीट किया, ‘अपना सम्पूर्ण जीवन समाज कल्याण के लिए सर्मिपत करने वाली राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन। देश के लिए दूरर्दिशता रखने वाली राजमाता सिंधिया, हर नागरिक के लिए प्रेरणास्रोत है।’
अपना सम्पूर्ण जीवन समाज कल्याण के लिए समर्पित करने वाली राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन।
देश के लिए दूरदर्शिता रखने वाली राजमाता सिंधिया, हर नागरिक के लिए प्रेरणास्रोत है।— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) October 12, 2020
राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती पर उनकी पुत्री व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी उन्हें याद किया। मां की याद में वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर लिखा, ‘समाज सेवा, स्नेह व समर्पण की मूरत, हम सबकी प्रेरणास्त्रोत राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर चरण वंदन। भारतीय संस्कृति व संस्कारों की मर्यादा बनाए रखते हुए राजपथ से निकलकर लोकपथ का दामन थामने वाली राजमाता जी के सिद्धांत सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।‘
समाज सेवा, स्नेह व समर्पण की मूरत, हम सबकी प्रेरणास्त्रोत राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जयंती पर चरण वंदन। भारतीय संस्कृति व संस्कारों की मर्यादा बनाए रखते हुए राजपथ से निकलकर लोकपथ का दामन थामने वाली राजमाता जी के सिद्धांत सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।#RajmataScindia pic.twitter.com/HuwHzbQD5M
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) October 12, 2020
एक अन्य ट्वीट में राजे ने लिखा, ‘एक राजपरिवार से होते हुए भी अम्मा महाराज ने राजसी वैभव का मोह त्यागकर लोककल्याण का मार्ग अपनाया तथा आपातकाल के दौरान जेल की गंभीर यातनाओं को सहकर भी राष्ट्रहित में स्वयं को न्यौछावर कर देने में कभी संकोच नहीं किया।‘
एक राजपरिवार से होते हुए भी अम्मा महाराज ने राजसी वैभव का मोह त्यागकर लोककल्याण का मार्ग अपनाया तथा आपातकाल के दौरान जेल की गंभीर यातनाओं को सहकर भी राष्ट्रहित में स्वयं को न्यौछावर कर देने में कभी संकोच नहीं किया।#RajmataScindia
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) October 12, 2020
राजमाता सिंधिया का जन्म 12 अक्टूबर 1919 को मध्यप्रदेश के सागर में हुआ था। विजया राजे सिंधिया (पूरा नाम लेखा देवीश्वरी देवी), जोकि ग्वालियर की राजमाता के रूप में लोकप्रिय थी, एक प्रमुख भारतीय राजशाही व्यक्तित्व के साथ-साथ एक राजनीतिक व्यक्तित्व भी थी। राजघराने से ताल्लुक रखने वाली सिंधिया भाजपा के बड़े चेहरों में से एक थीं और हिंदुत्व मुद्दों पर काफी मुखर थीं। उनकी बेटियां वसुंधरा राजे, यशोधरा राजे और पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। राजमाता सिंधिया जनसंघ की नेता थीं और भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं।