
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल (एसजीआरएच) ने एक अन्य जीवन रक्षा संदेश (एसओएस) भेजते हुए शनिवार रात कहा कि उसके पास केवल करीब 45 मिनट तक आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन बची है और 100 से अधिक मरीजों का जीवन जोखिम में है।
अस्पताल ने कहा कि उसने पिछले 24 घंटे में कम से कम चार एसओएस भेजे हैं और वह संकट की स्थिति में है। उसके पास केवल करीब 500 घन मीटर ऑक्सीजन बची है, जो करीब 45 से 60 मिनट ही चलेगी और 100 से अधिक मरीजों का जीवन खतरे में है। अस्पताल में रोजाना 10,000 घट मीटर तरल ऑक्सीजन की खपत होती है।
गंगाराम अस्पताल को पिछले कुछ दिन से टैंकरों के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है और वह स्वयं के ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के भी प्रयास कर रहा है। इससे एक दिन पहले अस्पताल ने बताया था कि उसके 25 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में इन मरीजों की मौत का कारण ‘‘कम दबाव की ऑक्सीजन’’ हो सकती है।
केजरीवाल सरकार ने अदालत से कहा, दिल्ली को आवंटित 480 मिट्रिक टन की तुलना में 309 मिट्रिक टन ऑक्सीजन मिली
आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को आवंटित 480 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की तुलना में शुक्रवार को उसे 309 मिट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन मिली, जो शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट का अहम कारण है।
आप ने एक बयान में कहा कि शहर को आवंटित ऑक्सीजन की तुलना में लगातार रोजाना कम ऑक्सीजन मिल रही है, जिसके बाद यह संकट पैदा हुआ।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को केन्द्र और दिल्ली सरकार को कोविड-19 रोगियों का इलाज कर रहे अस्पतालों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के मामले पर समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया तथा कहा कि नागरिकों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता।
आप ने कहा कि अदालत ने दिल्ली के लिए ऑक्सीजन टैंकर उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारी से बचने की केंद्र की ‘‘कोशिश को नुकसान’’ पहुंचाया है।